कोलकाता : ममता बनर्जी से बात करने को तैयार हुए जूनियर डॉक्टर, अब जरी गतिरोध समाप्त होने की आशा है. आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वे प्रदर्शन खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत को तैयार हैं लेकिन मुलाकात की जगह वे बाद में तय करेंगे। इससे पहले शाम में उन्होंने राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और इसकी बजाए उनसे गतिरोध सुलझाने को लेकर खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने को कहा था।
शनिवार देर रात जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। फोरम के प्रवक्ता ने कहा, हम हमेशा से बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर मुख्यमंत्री एक हाथ बढ़ाएंगी तो हम हमारे 10 हाथ बढ़ाएंगे। हम इस गतिरोध के खत्म होने की तत्परता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। हम भी अपनी ड्यूटी पर वापस लौटना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से ईमानदार कदम नहीं उठाया जा रहा है।
इधर गृह मंत्रालय ने अपनी अडवाइजरी में कहा कि देशभर में डॉक्टरों के संगठन पश्चिम बंगाल में सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर दिल्ली में भी है और इसकी वजह से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लगातार दूसरा दिन है जब दिल्ली में भी लोगों को ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है।
14 जून को इसका देशव्यापी असर देखने को मिला। वहीं बिजेपी, लेफ्ट और कांग्रेस ने बंगाल में ममता सरकार पर समस्या को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया।
बतादें ममता बनर्जी से बात करने को तैयार हुए जूनियर डॉक्टर 10 जून को एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इजाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे. बस आग भड़क कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ने हॉस्टल में हमला कर दिया. इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबिक कई और को भी चोटें आईं.