नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का राजनीतिक सफर

रायपुर- मोहन मरकाम का जन्म 15 सितंबर 1967 को ग्राम टेड़मुण्डा पोस्ट बवई, तहसील माकड़ी जिला कोण्डागांव़ में हुआ था। इनके पिता का नाम स्व. भीखराय मरकाम जिनके आय का मुख्य साधन कृषि था। ’7 भाई व 2 बहनों में मरकाम जी 5 वीं सन्तान थे। इनकी प्राथमिकी शिक्षा ग्राम टेड़मुण्डा में ही हुई, जहां शाला भवन न होने से झोपड़ी नुमा शाला में ही विद्या अध्ययन किया । माध्यमिक शिक्षा 7 किमी दुर घने जंगलों से पैदल रास्ता तय कर माध्यमिक शाला काटागांव से पूरी । हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी माकड़ी व कॉलेज की पढ़ाई कांकेर महाविद्यालय से भूगोल विषय से एम.ए की शिक्षा प्राप्त की । इनकी रूचि कानून की पढाई में भी रही इसके लिए इन्होंने जगदलपुर में रहकर 2 वर्षों तक कानून की पढाई की । इस बीच शासकीय नौकरी मिलने से कानून की पढ़ाई बीच में ही छुट गई।
’मोहन मरकाम छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे।’ छात्र संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियों का निवर्हन किया। छात्र राजनीति में सक्रिय होने के कारण समस्याओं के निराकरण के लिए हमेशा तत्पर रहे। ’एनसीसी में सीनियर अंडर अफसर रहे व गणतंत्र दिवस, नई दिल्ली की परेड में चयनित होकर शामिल हुए।

इसके बाद वर्ष 1990-91 में ’शहीद महेन्द्र कर्मा जी’ के सानिध्य में कांग्रेस पार्टी से जुड़ने के बाद वर्ष 1993, 1998, 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट की दावेदारी भी की लेकिन टिकट नही मिला, बावजूद इसके वे कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादारी निभाते हुए कार्य करते रहे और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने में जी जान से जुड़े रहे। साथ ही पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों को सफल बनाने व जन जन तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे।

इसके बाद विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार मोहन मरकाम को अपना प्रत्याशी बनाया और भाजपा प्रत्याशी व छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री (सुश्री लता उसेण्डी) से उनका सीधा मुकाबला रहा जिसमें उन्हे 2771 मतों से हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद फिर से 2013 में कांग्रेस ने मोहन मरकाम को टिकट दिया और इस बार वे भाजपा प्रत्याशी व छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री रही लता उसेंडी को शिकस्त दे दी। इसी प्रकार 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से लड़ते हुए फिर से भाजपा प्रत्याशी को हराया और लगातार दूसरी बार विधायक बने। चतुर्थ विधानसभा सत्र 2013 से 2018 के लिए उन्हे विधानसभा में उत्कृष्ट विधायक का सम्मान भी दिया गया ।