केजी से पीजी तक मिलेगी मुफ़्त शिक्षा, फ्री शिक्षा की दिशा में राहुल गांधी ने की ऐतिहासिक घोषणा

कांकेर में आयोजित चुनावी जनसभा में राहुल गांधी ने की 3 बड़ी घोषणाएं

संग्राहक परिवार को 4000 रु सालाना बोनस और लघु वनोपजों की एमएसपी पर 10 रुपए अतिरिक्त राशि  देने की राहुल गांधी ने की घोषणा

ओबीसी के साथ अन्याय कर रही केंद्र की मोदी सरकार : राहुल गांधी
कांकेर भानुप्रतापपुर दिनांक 28 अक्टूबर 2023 कांकेर : कांकेर जिले के भानुप्रतापुर में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ऐतिहासिक घोषणा करते हुए छत्तीसगढ़ में पुनः सरकार बनने पर सभी शिक्षण संस्थानों में मुफ़्त शिक्षा देने की बड़ी घोषणा की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि फिर से कांग्रेस सरकार आने पर हम छत्तीसगढ़ में केजी से पीजी तक मुफ़्त शिक्षा देंगे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 4000 रु सालाना बोनस और लघु वनोपजों की डैच् पर 10 रुपए अतिरिक्त राशि देने की बड़ी घोषणा भी की। राहुल गांधी की इस घोषणा से पूरा सभास्थल तालियों से गूंज उठा।
भारी जनसमूह के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सरकार बस्तर के आदिवासियों के हित में लगातार काम कर रही है। हमने आदिवासियों को ना केवल मालिकाना हक दिया है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए भी काम किया है। 
कांग्रेस ने निभाया अपना वायदा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले चुनाव में हमने छत्तीसगढ़ की जनता से कई वायदे किए थे और जैसे ही हमारी सरकार बनी हम ने सभी वादों को पूरा किया है। भाजपा के नेता कहते थे कि हम वायदों को पूरा नहीं कर पाएंगे लेकिन हमने मात्र 2 घंटे में किसानों की कर्ज माफ़ी कर किसानों से किया वादा निभाया। हमने आदिवासियों की जमीन लौटाकर, फर्जी केसों में जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई कर छत्तीसगढ़ के आदिवासियों से किया वादा निभाया है। कांग्रेस सरकार पर सबका विश्वास बढ़ा है और छत्तीसगढ़ उन्नति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 
 वनवासी शब्द से आदिवासियों का अपमान
जनसभा में सांसद राहुल गांधी ने आदिवासी और वनवासी शब्द के मायने बताए, उन्होंने बताया कि आदिवासी, हिंदुस्तान के पहले मालिक है। आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की रक्षा की जानी चाहिए और उनका हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा और संघ के लोग वनवासी शब्द का उपयोग करते है जो कि आदिवासियों का अपमान है। वनवासी शब्द के जरिए आदिवासियों के संस्कृति और परंपरा पर आक्रमण किया जा रहा है। 
आदिवासियों की जमीनें हुईं सुरक्षित
भानुप्रतापुर की सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार ने पेसा कानून लागू किया है जिससे कोई भी उद्योगपति बिना आदिवासियों की अनुमति के उनकी जमीन नहीं ले सकता है। पेसा कानून से ग्राम सभाएं मजबूत हुई है, हमने आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने का काम किया है।
जाति जनगणना से क्यों डरते है मोदी जी
जनसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी सभी जगह ओबीसी होने का दावा करते है, वो कहते है कि देश में ओबीसी की सरकार है फिर वो जाति जनगणना कराने से क्यों डरते है। उन्होंने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि वे अपने भाषणों में जातीय जनगणना का जिक्र क्यों नहीं करते है ? मोदी जी कांग्रेस सरकार के दौरान हुए जातीय जनगणना को जारी क्यों नहीं करते है? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को ओबीसी विरोधी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार की 90 कैबिनेट सेक्रेटरी में से मात्र 3 ओबीसी समुदाय से है। उन्होंने ओबीसी युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ओबीसी के साथ अन्याय कर रही है।
भाजपा का हिन्दी प्रेम सिर्फ दिखावा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा नेता जहां भी जाते है वो हिन्दी की बात करते है, वो कहते है कि हिन्दी सबसे जरूरी भाषा है और कहते है कि छत्तीसगढ़ी और अंग्रेजी जरूरी भाषाएं नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सोच ऐसी नहीं है, हमारे लिए हिन्दी भी जरूरी है, छत्तीसगढ़ी भी जरूरी और अंग्रेजी भी जरूरी है क्योंकि अगर आपको छत्तीसगढ़ में बात करनी है तो छत्तीसगढ़ी जरूरी है, अगर आप यूपी और एमपी जाएंगे तो हिन्दी जरूरी है और अगर आप विदेशी पर्यटकों या विदेशियों से बात करना चाहेंगे तो अंग्रेजी जरूरी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम चाहते है कि आप जहां भी जाएं भाषा का प्रयोग कर पाएं उसका फायदा ले पाएं। उन्होंने आम जनता से कहा कि आप भाजपा नेता जो कहते है कि अंग्रेजी खराब है उनसे पूछिए कि आपके बच्चे कहाँ पढ़ते है वो इसका जवाब नहीं देंगे वे चुप हो जाएंगे क्योंकि ये रात दिन अंग्रेजी को कोसने वाले भाजपा के लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाते हैं।