रायपुर- भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री और प्रेदश अध्यक्षों द्वारा इस्तीफा नहीं देने पर राहुल की फटकार के बाद छग में भूपेश बघेल का कांग्रेस अध्यक्ष पद छोडऩा बड़े बे-आबरू होकर अध्यक्ष पद से हटाया जाना ही माना जायेगा। उपासने ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक पराजय के बाद भूपेश बघेल उसकी जिम्मेदारी लेते और अपने दोनों पद से इस्तीफा देते। यह इसलिए भी जरूरी था क्योंकि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कभी किसी सरकार के खिलाफ मात्र सौ दिनों में ऐसा जनाक्रोश देखने को नहीं मिला, जैसा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ लोकसभा चुनाव में दिखा है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही इस रिकार्ड हार की जिम्मेदारी संगठन और सत्ता दोनों के प्रमुख होने के नाते भूपेश बघेल की ही है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के नाते बघेल ने लोकसभा की प्रदेश की सभी 11 सीटें जीतने का दंभ भरा था लेकिन 68 विधायकों वाली प्रदेश सरकार और कांग्रेस महज पांच महीनों में ही 66 विधानसभा क्षेत्रों में बुरी तरह पिछड़ गई।
श्री उपासने ने कहा कि जिस मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान तमाम संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर बड़बोलेपन की मिसालें कायम की, प्रदेश में कांग्रेस की पराजय की जिम्मेदारी लेने की कम से कम एक और राजनीतिक नौटंकी तो बघेल को कर ही लेनी थी। लेकिन अपनी सरकार के कामकाज और कार्यप्रणाली पर प्रदेश के मतदाताओं से वोट मांगने वाले मुख्यमंत्री बघेल करारी शिकस्त खाने के बाद अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं? करारी पराजय के महीनों बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने अपनी अक्षमता और जिम्मेदारी स्वीकार नही की, यही उनके राजनीतिक चरित्र का परिचायक है।
श्री उपासने ने कहा कि नये कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के लिए सबसे बड़ी चुनौती भूपेश बघेल ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि वन मैन शो वाले सीएम के आगे नये अध्यक्ष केवल रबर स्टैम्प नहीं बने रह जाय, इसकी चिंता उन्हें करनी होगी। उपासने ने नये अध्यक्ष को शुभकामना दी है।