रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय से बस्तर और दुर्ग राजस्व संभागों के 12 जिला कलेक्टरों से वीडियो क्रांफेंसिंग के जरिए विभिन्न योजनाओं प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनसंवाद परियोजना के तहत कॉल सेंटर के माध्यम से शासन को आम जनता से शासकीय योजनाओं का फीडबैक मिल रहा है और लोगों की जरूरतों की भी जानकारी मिल रही है। यह परियोजना सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दुर्ग संभाग के पांच जिलों-बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा और बालोद तथा राजस्व संभाग बस्तर के सात जिलों-कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में चल रही योजनाओं की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास यात्रा के दूसरे चरण में तेन्दूपत्ता बोनस के रूप में 608 करोड़ की राशि तथा 12 लाख चरण पादुकाओं के वितरण के लिए सभी जिलों में आवश्यक तैयारी कर ली जाए। उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि संचार क्रांति योजना में स्मार्ट फोन वितरण कार्य योजना में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को फ्लेट रेट का विकल्प दिया गया है उसका ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने विद्युत वितरण केन्द्रों में विद्युत समस्याओं के निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा राजस्व मामलों के निराकरण में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि अगले 15-20 दिनों के भीतर मजदूरी भुगतान के लंबित मामलों का निराकराण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमलों को मैदानी क्षेत्रों में भेज कर कराया जाए तथा जिन मामलों में भुगतान किया जा चुका है उन सभी मामलों में संबंधितों को मोबाइल के माध्यम से एस एम एस कर सूचना दी जाए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडरों की रिफिलिंग व्यवस्था की भी समीक्षा की गई। खाद्य विभाग की सचिव ने बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में बाजार हाट में गैस सिलेन्डरों के वितरण कराने तथा गैस रिफिलिंग एवं गैस कनेक्शन एवं इसके साथ मिलने वाले अन्य उपकरणों के संबंध में बाल राइटिंग कराने कहा। उर्जा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बताया कि 20 से 30 अगस्त के बीच विद्युत वितरण केन्द्र्रों पर विद्युत समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर लगाए जाएंगे। इसके अलावा लाइन में की संख्या बढ़ाने जा रहे हैं। मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठक में जानकारी दी गई कि लगभग एक लाख 08 हजार शिक्षकों की कोषालय में डाटा एन्ट्री हो चुकी है। अब तक 99 हजार शिक्षक पंचायत एवं नगरीय संवर्ग के शिक्षकों का वेतन निकाला जा चुका है।
बैठक में संचार क्रांति योजना, अधोसंरचना के कार्यों, आबादी पट्टा वितरण, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), मजदूरी भुगतान, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, मुख्यमंत्री पेंशन योजना, गांवों में विद्युत समस्याओं के निराकरण, शिक्षक पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्ग के संविलियन के बाद वेतन भुगतान सहित अस्पतालों, उचित मूल्य दुकानों और आंगनबाड़ी केन्द्रांें के समय पर खुलने, शिक्षक और पटवारी की उपस्थिति, पंचायत सचिव के मुख्यालाय पर रहने आदि की जानकारी ली गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के खेतान, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, खाद्य विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, श्रम विभाग की सचिव श्रीमती आर. शंगीता, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री गौरव द्विवेदी, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आवास और पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला, समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव श्री आर. प्रसन्ना, एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रजत कुमार तथा संबंधित विभागों के अन्य अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।