बाघ के हमले से बचे युवक की कहानी दोस्त की जुबानी

 उमारिया-(तपस गुप्ता)   धमोखर रेंज अंतर्गत ग्राम खरहाडांड में बाघ ने दोपहर तकरीबन 5 बजे चरवाहे पर हमला किया है,इस घटना में खरहाडांड निवासी चरवाहा विश्वनाथ पिता धनी राम बैगा उम्र 38 वर्ष गम्भीर बताया जा रहा है,घटना के बाद घायल युवक को जिला अस्पताल लाया गया है,जहाँ प्राथमिक उपचारार्थ है।घटना को लेकर बताया जाता है कि परिक्षेत्र अंतर्गत खरहाडांड में घायल युवक अपने साथी केशलाल पिता लल्ला बैगा उम्र 34 वर्ष के साथ मवेशियों को चरा रहॉ था तभी अचानक बाघ ने हमला कर दिया,घटना को देख साथी केश लाल ने तेज तेज आवाज लगानी शुरू कर दी,जिसके कुछ देर बाद बाघ घायल युवक को छोड़ वनक्षेत्र की ओर चला गया।घटना के बाद साथी केशलाल ने अचेतन अवस्था मे अपने साथी को कंधे में उठाया,और किसी तरह गांव पहुंचकर ग्रामीणों को जानकारी दी।इस घटना में साथी केशलाल की माने तो सबसे खास बात यह है कि बाघ ने मवेशियों पर हमला करने की बजाय सीधे घायल युवक पर हमला किया है।डिप्टी रेंजर महेश प्रसाद पटेल एवम परिक्षेत्र सहायक रायपुर तिहार सिंह धुर्वे की माने तो घायल चरवाहे पर सम्भवतः बाघिन टी 43 का हमला हुवा है,इसी बाघिन की मूवमेंट अक्सर इस क्षेत्र में होती है,यह बाघिन अपने शावकों के साथ अक्सर बरतरायी बीट से सटे वन क्षेत्र में दिखती रही है,हालांकि महज ये कयास लगाए जा रहे है।*
*विदित हो कि गत वर्षों में इस क्षेत्र में कई बार बाघिन ने इंसानी हमला किया है,गत वर्ष मई माह में फूलबाई बैगा निवासी खरहा डांड पर भी इसी बाघिन ने हमला किया था,इसी के साथ ग्राम धमोखर निवासी बराती चौधरी पर भी इसी बाघिन ने हमला किया था। बाघिन का इंसानी हमला किन कारणों से हो रहा है,यह तो शोध का विषय है,परन्तु बारम्बार बाघिन का इंसानी हमला ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब है,ऐसे मामलों में पार्क प्रबन्धन को बाघिन की स्थिति को गम्भीरता से समझने की ज़रूरत है