कोरिया – प्रगतिषील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज जिला कोरिया के द्वारा सतनाम धाम सुभाश नगर चरचा काॅलरी में गुरूमाता ममतामयी मिनीमाता के 47वीं पुण्यतिथि को स्मृति दिवस के रूप में तथा सतनाम धाम के 11वें स्थापना दिवस पर संगोश्ठी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें जिले भर में निवासरत सतनामी समाज के लोग षामिल हुए। प्रथम चरण में स्मृति दिवस के रूप में कार्यक्रम आयोजित कर मिनी माता के तैल चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलन और श्रध्दा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया तथा उनके बताये सत्य, अहिंसा, परोपकार, करूणा, भाईचारा एवं समरसता के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में सहदेव बघेल बौध्द, विषिश्ट अतिथि श्री सी. एस. खांडे कोशाध्यक्ष सेफ, श्री गणेष कुर्रे, श्री रविन्द्र आनंद, श्री आर.के. सोनवानी तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला प्रकोश्ठ की अध्यक्ष श्रीमती कौषिल्या खटकर ने की। रोषन कुर्रे के द्वारा गीत के माध्यम से श्रध्दा सुमन अर्पित किया गया। सभी अतिथियों ने अपने उद्बोधन में मिनीमाता को दया, करूणा एवं मानवता की प्रतिमूर्ति बताया और उनके जीवन दर्षन को रेखांकित किया। श्रीमती मधु बारले ने जीवन परिचय पर प्रकाष डाला। प्रथम चरण का संचालन महिला सचिव श्रीमती सीमा टुण्डे ने किया। जबकि आभार प्रदर्षन प्रो.एस.सी.हिमधर ने अपने छत्तीसगढी गीत के माध्यम से मिनीमाता को श्रध्दांजलि देते हुए किया। इस अवसर पर महिला प्रकोश्ठ के अध्यक्ष द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृश्ट कार्य करने वाले पांच महिला श्रीमती रामबाई अजगल्ले चरचा, श्रीमती ऊशा लहरे चिरमिरी, रमेषबाई बारे कटकोना कालरी, सरोज डहरिया पाण्डवपारा तथा कविता हिमधर बैकुण्ठपुर को पुरस्कृत व सम्मानित किया गया।
द्वितीय चरण में सतनाम धाम का 11वां स्थापना दिवस श्री सी. एस. खाण्डे कोशाध्यक्ष सेफ के मुख्य आतिथ्य, श्री लक्ष्मीकांत कोसरिया जिला संयोजक के अध्यक्षता तथा श्री जगराम लक्ष्मे प्रदेष संयोजक बामसेफ, श्री मोतीलाल सोनवानी जिला महंत, जयंत चंदेल, भगवती वर्मन के विषिश्ट आतिथ्य में आयोजित हुआ। सभी अतिथियों ने बाबा गुरू घासीदास एवं मिनीमाता जी को श्रध्दा सुमन अर्पित कर कार्यक्रम का षुभारंभ किया। प्रो. एस. सी. हिमधर ने सतनाम धाम के स्थापना से लेकर आज तक के विकासक्रम को सभी को अवगत कराया तथा सभी सहयोगी समाज के अधिकारियों, कर्मठ सार्थियों, जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार जताया। संगोश्ठी में विभिन्न बिंदुओं पर अपनी बात और विचार श्री गणेष कुर्रे, अरूण निराला, विजय अनंत, सीमा टुण्डे, नोमिता खटकर ने व्यक्त किया। जिला अध्यक्ष विरेन्द्र अजगल्ले ने समाज द्वारा संचालित स्व सहायता समूह की जानकारी देते हुए सभी को इससे जुडने की अपील किया। कोशाध्यक्ष जागृत कुर्रे ने साल भर का लेखा जोखा प्रस्तुत किया। विषेश आमंत्रित अतिथि सी एस खाण्डे जी ने सतनाम एजुकेषन फाउण्डेषन की स्थापना के उद्देष्य, कार्यविधि और अब तक लाभान्वित आर्थिक रूप से कमजोर किन्तु प्रतिभावान बच्चों को उच्च षिक्षा के लिए किए गए सहयोग कार्य की जानकारी देकर इस पुनीत कार्य से जुडने की अपील किया। उनके अपील पर तत्काल उपस्थिति लोगों के द्वारा 10370 रूपये एकत्रित कर सेफ के कोशाध्यक्ष को सौंपा गया। समाज द्वारा प्रतिमाह 2000 रू. नया सेफ को तथा 2000 रू. समाज को केडर की ज्ञान देकर जागरूकता पैदा करने वाले श्री जगराम लक्ष्मे को देने की घोशणा की गई। अपने उद्बोधन में लक्ष्मे जी ने विस्तार से सतनामी समाज के इतिहास की जानकारी देते हुए वर्तमान पीढी को संस्कारित कर सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक रहने और सुधार करने की बात कही।
अध्यक्षीय उद्बोधन में लक्ष्मीकांत कोसरिया जी ने जिले में सामाजिक एकता और संगठन को मजबूत बनाकर कार्य करने का आहवान किया तथा कहा कि हम सभी बुध्दजीवी वर्ग के लेाग हैं। सामाजिक कार्यों मंे सहभागिता कर हाथ बढायें। उन्होंने अपनी सेलरी की एक प्रतिषत राषि समाज को दिए जाने की बात दोहराई। सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दिया। आयोजित प्रतियोगिता निबंध में कु. नोमिता खटकर, चित्रकला में प्रथम अभिशेक टुण्डे, द्वितीय यष धृतलहरे तथा व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम त्रिवेणी कुर्रे, द्वितीय उशा निराला तथा तृतीय स्थान प्राप्त ननकी टण्डन को प्रषस्ति पत्र व पुरस्कार अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। सात्वना पुरस्कार श्रीमती सीमा टुण्डे, मनीश बंजारे व अनीता टुण्डे को प्रदान किया गया। आभार प्रदर्षन मीडिया प्रभारी अरूण निराला ने किया और जिला स्तरीय गुरू घासीदास जयंती जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम को सफल बनाने में दोनों इकाई के पदाधिकारियों सहित बाबा दूजराम खुंटे, लखन डहरिया, अमृत टुण्डे, बलीराम पंकज, पिंटू भास्कर, कृश्ण कुमार कुर्रे, के.के.खटकर टीकाराम, अनिल लहरे, एस. एल. महिलांगे, कन्हैया वारे, के. पी. जोगी, एस. एल. साण्डे, राम लाल कुर्रे, महेन्द्र पात्रे सपना बर्मन, ब्यास नारायण पाटले, धीरजा राय, अषोक निराला, लाल बहादुर बेलकर, महेन्द्र मनहर, हसतराम लहरे, घासी बघेल, राजेन्द्र बंजारे, गुंजराम, द्वारिका, मालिक राय, लाभो पंकज, विजय खूंटे, सत्य प्रकाष चतुर्वेदी का योगदान रहा।