आरे कंजर्वेशन ग्रुप (एसीजी) की सदस्य अमृता भट्टाचार्जी ने कहा, ‘सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक का इंतजार नहीं किया और आगे बढ़ गई। इशारा मिलते ही सिर्फ 40 घंटों में 2,141 पेड़ों को काट डाला गया, हालांकि आधिकारिक दावे की पुष्टि होनी है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सितंबर में एमएमआरसीएल ने इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के लिए एक मीडिया विज्ञापन जारी किया था। इस पर एमएमआरसीएल ने स्वीकार किया कि बीएमसी के वन प्राधिकरण के निर्णय को कायम रखने के मुंबई हाईकोर्ट के चार अक्टूबर के निर्णय के बाद उसने काटे जाने के लिए स्वीकृत 2,185 पेड़ों में 4-5 अक्टूबर के बीच 2,141 पेड़ काट डाले।
‘मेट्रो कार शेड के लिए कोई और विकल्प क्यों नहीं खोजा’एमएमआरसीएल ने कहा, ‘हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। आरे मिल्क कॉलोनी में अब पेड़ काटने की कोई कार्रवाई नहीं होगी। मौके पर अन्य काम, जैसे पहले से ही काटे गए पेड़ों को हटाने का काम जारी है।’ एक अन्य कार्यकर्ता शशि सोनावाणे ने कहा कि पेड़ काटने में एमएमआरसीएल की रफ्तार से यह स्पष्ट है कि उसे सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने का पूरा विश्वास था। पेड़ों की कटाई का विरोध करने पर मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 29 कार्यकर्ताओं में शशि भी थीं। भूमिपुत्र बचाओ आंदोलन की सोनावाणे ने कहा, ‘मेट्रो की कार शेड के लिए किसी अन्य विकल्प पर विचार क्यों नहीं किया गया, जिससे ये बहुमूल्य पेड़ बच जाते और संजय गांधी नैशनल पार्क में स्थित मीठी नदी और तीन झीलों का जलाश्रय बन जाता।’
‘कभी कुछ नए निर्माण के लिए अवांछनीय काम करने पड़ते हैं’विरोधियों और कार्यकताओं पर हमला करते हुए एमएमआरसीएल की प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े ने सोमवार को इस कदम का बचाव करते हुए कहा, ‘कभी-कभी कुछ नए के निर्माण के लिए अवांछनीय काम करने पड़ते हैं, लेकिन इससे नए जीवन और निर्माण का मार्ग भी साफ होता है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह झूठी खबर फैलाई जा रही है कि बीएमसी ट्री अथॉरिटी की वेबसाइट पर आदेश जारी किए जाने के बाद 15 दिन का नोटिस दिया जाता है।
‘पीएम का परिवार पर्यावरण संरक्षक, उनकी सरकार ने काट डाले पेड़’महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हाल ही में ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ शो में मोदी ने याद करते हुए कहा था कि कैसे उनके चाचा लकड़ी का व्यापार करना चाहते थे, लेकिन उनकी दादी ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि पेड़ों में भी जीवन होता है।’ सावंत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका पूरा परिवार पर्यावरण संरक्षण करता है। लेकिन दुख की बात है कि ये शब्द तब बहुत खोखले लगते हैं, जब उनकी अपनी बीजेपी सरकार रातोंरात हजारों पेड़ काट डाले।’
Source: National