उत्तर प्रदेश के बस्ते जिले की जेल में बंद एक हो गया है। दरअसल, गुरुवार को इस ने बीमारी का बहाना बनाया और जिला अस्पताल में भर्ती हो गया। रात को यह को चकमा देकर फरार हो गया। अगले पूरे दिन खोजबीन के बाद भी कैदी का पता लगाने में पुलिस नाकाम रही। जेलर की शिकायत पर दो सिपाहियों समेत कैदी के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
पुरानी बस्ती निवासी सिराज अली को एक नाबालिग दलित लड़की के साथ रेप के आरोप में 22 जुलाई को सजा हुई थी। तब से वह जिला कारागार में बंद था। कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि गुरुवार की रात सिराज ने सांस फूलने की शिकायत की। जेल अस्पताल में इलाज के बाद भी कैदी को आराम नहीं हुआ तो जिला अस्पताल के सोल्जर वार्ड में भर्ती किया गया।
टॉइलट के बहाने खिड़की तोड़कर भागा
कैदी की निगरानी में दो सिपाही लगाए गए थे। रात करीब 10.30 बजे सिराज ने टॉइलट जाने का बहाना बनाया। सिपाही ने उसकी हथकड़ी खोल दी और उसे अंदर भेजकर टॉइलट के बाहर खड़ा हो गया। काफी देर तक जब कैदी बाहर नहीं निकला तो सिपाहियों ने दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर टॉइलट का दरवाजा तोड़ने पर पता चला कि कैदी खिड़की की जाली काटकर फरार हो गया है।
कोतवाल के मुताबिक, कैदी को पकड़ने के लिए पुलिस दबिश दे रही है लेकिन शाम तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। जेलर सतीश चंद्र त्रिपाठी की शिकायत पर जेल वार्डर धर्मवीर सिंह, अवधेश यादव और फरार कैदी सिराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जेलर सतीश चंद्र त्रिपाठी ने दोनों लापरवाह सिपाहियों पर विभागीय कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों से सिफारिश की है।
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