प्रज्ञा के शिक्षक भाई एसपी पालीवाल ने गुरुवार को छतरपुर में बताया, ‘मेरी बहन प्रज्ञा पालीवाल बेंगलुरु की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजिनियर थीं। उसकी रूममेट ने बेंगलुरू से बताया कि नौ अक्टूबर को मेरी बहन प्रज्ञा की कार हादसे में थाइलैंड के फुकेत शहर में मौत हो गई है।’ उन्होंने कहा कि वह अपनी कंपनी की 11 अक्टूबर से बैंकॉक में होने वाली मीटिंग में शामिल होने के लिए आठ अक्टूबर को थाइलैंड पहुंची थीं।
‘पासपोर्ट नहीं, शव लाने में हो रही दिक्कत’पालीवाल ने बताया, ‘उसके पार्थिव शव को हमें भारत लाना है, लेकिन अभी हमारे परिवार के किसी भी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं है, जिसके कारण हम उसके शव को लेने थाइलैंड नहीं जा पा रहे हैं। इसके लिए हमने छतरपुर के विधायक आलोक चतुर्वेदी (कांग्रेस) एवं जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।’
विदेश मंत्रालय से मांगी मदद
विधायक चतुर्वेदी ने गंभीर समस्या को देखते हुए तत्काल इसकी जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को देने के साथ-साथ ट्वीट कर विदेश मत्रालय से मदद की अपील की, जिस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर एवं कमलनाथ ने ट्वीट कर हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा कि हमारा दूतावास थाइलैंड के सड़क हादसे का शिकार हुई लड़की (मध्य प्रदेश के छतरपुर निवासी) के शोकाकुल परिवार के संपर्क में है और दुख की इस घड़ी में हम इस परिवार की हर तरह की मदद करेंगे।
कमलनाथ ने दिया मदद का भरोसा
कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘छतरपुर की बेटी प्रज्ञा पालीवाल की ट्रेनिंग के दौरान थाइलैंड के फुकेत शहर में हादसे में हुई मौत की ख़बर बेहद दुखद। परिवार के किसी सदस्य के पास पासपोर्ट नहीं है, पार्थिव शरीर लाने में दिक्कत हो रही है।’ उन्होंने ट्वीट पर आगे लिखा, ‘परिवार परेशान ना हो, सरकार आपके साथ। हर संभव मदद के निर्देश। विदेश मंत्रालय से सरकार चर्चा कर शव लाने का प्रयास करेगी। परिवार के सदस्य जाना चाहें तो उसका भी सरकार पूरा इंतजाम करेगी।’
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