'सुप्रीम' सुनवाई: कैसा है अयोध्या का हाल? महंत बोले- 'शुभ घड़ी आ गई है'

वीएन दास, अयोध्या
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में अंतिम दौर की सुनवाई के बीच राम की नगरी में जिंदगी सामान्य रूप से चल रही है। अदालत का फैसला आने की सुगबुगाहट पर लोग गाहे-बगाहे चर्चा करते भी दिख जाते हैं। इन सबके बीच अयोध्या और उससे सटे फैजाबाद में सुरक्षा इंतजामों को दुरुस्त किया जा रहा है। प्रशासन के लिए अगले दो महीने काफी चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। उधर मंदिर आंदोलन से लंबे अरसे से जुड़े एक बड़े महंत का कहना है कि इंतजार की घड़ी अब खत्म हो रही है।

इस बीच अयोध्या में दीपोत्सव को सफल बनाने में सरकार और प्रशासनिक अमला पूरी मशक्त के साथ जुटा हुआ है। कोर्ट में चल रही सुनवाई से इतर अभी सारा फोकस दीपोत्सव पर नजर आ रहा है। एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने बताया, ‘सुरक्षा को चाक-चौबंद किया गया है। स्कूल-कॉलेज और धर्मशालाओं की लिस्ट बनाई जा रही है जहां अतिरिक्त फोर्स को रोका जा सके। पीएसी की 10 कंपनी और केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां भी मंगाई जा रही हैं।’

दीपोत्सव से कड़ा सुरक्षा घेरा
एएसपी, डीएसपी और एसआई रैंक के अतिरिक्त अधिकारियों को भी सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के लिए बाहरी जिलों से बुलाया गया है। 26 अक्टूबर को दीपोत्सव के पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जा रहा है। हालांकि अभी अयोध्या और फैजाबाद में हालात पूरी तरह सामान्य हैं। किसी तरह की घबराहट नहीं है। प्रशासन का कहना है कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा मेला, दीपोत्सव और दीपावली को देखते हुए धारा-144 लगाई जाती है। वहीं, 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की वजह से निषेधाज्ञा को रूटीन के तौर पर बढ़ाया जाता रहा है। लेकिन इस बार अयोध्या मामले में फैसला आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।

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‘शुभ घड़ी आ गई है’
इस बीच राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत का कहना है, ‘शुभ घड़ी आ गई है। उम्मीद है कि रामायण मेले से पहले मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।’ नृत्य गोपाल दास समिति के भी अध्यक्ष हैं। अयोध्या में 30 नवंबर से 3 दिसंबर तक रामायण मेले का आयोजन प्रस्तावित है।

एंट्री पॉइंट चिह्नित
उधर प्रशासन अयोध्या में लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण के लिए भी जरूरी कदम उठा रहा है। इलाहाबाद रोड, लखनऊ रोड, आजमगढ़ रोड, गोरखपुर रोड समेत अयोध्या को जोड़ने वाली तमाम सड़कों पर चेक पॉइंट बनाए जा रहे हैं। यहां वाहनों की चेकिंग के बाद ही उन्हें आगे बढ़ने की इजाजत दी जाएगी।

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हाजी महबूब के आवास पर बैठक
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि जो कोर्ट का फैसला होगा उसे मुस्लिम समाज मानेगा। अफवाहों पर न जाएं। सुनवाई के बीच बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने रविवार को अयोध्या स्थित अपने आवास पर मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में हाजी महबूब ने स्पष्ट रूप से ऐलान किया कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा, उसे मुस्लिम समाज के लोग मानेंगे।

वीएचपी द्वारा दीपावली पर रामलला के गर्भगृह में दीपदान की मांग किए जाने पर हाजी महबूब ने कहा कि अगर इसकी अनुमति मिलती है तो हम भी रिसीवर से नमाज की अनुमति मांगेंगे। बैठक में हाजी महबूब ने कहा कि मुस्लिम धर्म के लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि कहीं सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 1992 जैसे हालात दोबारा ना बनें। ऐसे में अयोध्या के मुसलमानों को इसका विश्वास रखना होगा कि जिले में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर प्रशासन पूरी तरह से सख्त है।

अयोध्या मामले में अंतिम सुनवाई
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने मुस्लिम पक्ष से कहा है कि वह 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करे। उसके बाद दो दिन, 15 और 16 अक्टूबर को हिंदू पक्ष को जवाबी दलील देने का मौका मिलेगा। पीठ ने बहस की पूरी कार्यवाही 17 अक्टूबर को खत्म करने की समयसीमा तय कर रखी है।

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