भोपाल, 15 अक्टूबर (भाषा) राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को मध्य प्रदेश भू-संपदा नीति-2019 को मंजूरी देते हुए इसमें नागरिकों, कॉलोनाइजर और निवेशक सभी के लिए कई प्रावधान किए हैं, जिनमें वर्तमान में 27 प्रकार के दस्तावेज जमा करने की जगह अब केवल पांच दस्तावेज ही मांगे जाएंगे। मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्य प्रदेश भू-संपदा नीति 2019 का अनुमोदन किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके तहत नागरिकों, कॉलोनाइजर और निवेशक सभी के लिए प्रावधान किए गए हैं। इसमें 27 प्रकार के दस्तावेजों को कम कर पांच दस्तावेज आवश्यक करने संबंधी व्यवस्था की गई है।’’ सिंह ने बताया कि इसके अलावा इसमें नागरिकों को छोटे आवासों की तत्काल अनुमति, नुजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के प्रावधानों को कम करने, राजस्व, टाउन एंड कट्री प्लानिंग और नगरीय निकायों के दस्तावेजों में सामंजस्य, लैंड पुलिंग के माध्यम से अधिक भूमि की वापसी, पुरानी स्कीम के लिए पारदर्शी निर्णय की प्रक्रिया, बंधक संपत्ति को चरणों में रिलीज करने की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि कॉलोनाइजरों के लिए एक राज्य एक पंजीकरण, अवैध कॉलोनाइजेशन रोकने के लिए दो हेक्टेयर की सीमा समाप्त करने, कॉलोनी के विकास और पूर्णता की तीन चरणों में अनुमति, ईडब्ल्यूएस निर्माण की अनिर्वायता से छूट जैसे प्रावधान किए गए हैं। सिंह ने बताया कि इसी प्रकार निवेशकों के लिए राजस्व, प्लानिंग एरिया की सीमा पर फ्री फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर), ईडब्ल्यूएस/एलआईजी बनाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन जैसे कई प्रावधान भू-संपदा नीति में किए गए हैं।
Source: Madhyapradesh Feed By RSS