अयोध्या में लगातार तीसरे साल दीपावली पर दीपोत्वसव कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है लेकिन इस साल यह कई मायनों में पहले से अलग होगा। इन्हीं में है असम की मझुली की मुखौटों की मशहूर रामलीला जो अपनी विशिष्ट शैली के लिए कई सम्मान भी बटोर चुकी है। इसमें कलाकार मुखौटे पहनकर सजीव अभिनय करते हैं।
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. वाईपी सिंह के मुताबिक असम की यह रामलीला मंडली अपने मुखौटों को तैयार कर अब अयोध्या आने की तैयारी में है।
मुखौटों को भी खास कलात्मक अंदाज से तैयार किया जाता है। बांस के फ्रेम पर गोबर व मिट्टी के लेप कर इसे तैयार करते हैं। फिर इन पर कलर करके खूबसूरती लाई जाती है। कई मुखौटे बहुत बड़े आकार के होते हैं, इनमें रावण का मुखौटा 10 फुट का है। इनका उपयोग कलाकार रामलीलाओं के मंचन में करते हैं।
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इस बार मुखौटों की राम लीलाओं में विदेशी भी
डॉ. सिंह ने बताया कि इस साल के दीपोत्सव मे कई प्रदेशों की रामलीलाओं के अलावा की विदेशी राम लीला भी मुखौटों के जरिए ही पेश की जाएगी। प्रयास है कि मुखौटों की कला को बड़े मंच पर प्रस्तुत करके इस परंपरा को आगे बढ़ाया जाए।
असम, केरल व कर्नाटक की रामलीला मंडली भी
असम का अंकिया नाट्य प्रस्तुति भी अपनी विशिष्टता के लिए जानी जाती है। इसके अलावा केरल व कर्नाटक की राम लीला मंडलियां भी आ रही हैं। जिनकी रामलीला प्रस्तुति भी मुखौटों को पहन कर ही होती है।
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कठपुतली से होगी उदयपुर की रामलीला
उदयपुर की रामलीला मंडली भी दीपोत्सव में आ रही है। जिसके कलाकार कठपुतली की शैली पर रामलीला का मंचन करेंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ की राम लीला मंडली भी इस बार के दीपोत्सव में भगवान के बनवास के प्रसंग का प्रस्तुतीकरण मुखौटा शैली पर करेगी।
थाईलैंड, इंडोनेशिया व के चित्रकार बनाएंगे झांकी
बताया गया कि श्रीलंका व इंडोनेशिया के 19 चित्रकार भी दीपोत्सव का हिस्सा बनेंगे। ये लखनऊ में 17 अक्टूबर से ही पेटिंग तैयार करना शुरू कर देंगे। मशहूर विदेशी चित्रकार प्रभु श्री राम व अयोध्या की दीपावली में राम का दृश्य कैनवस पर उतारेंगे। उनकी पेंटिंग की प्रदर्शनी भी दीपोत्सव में लगेंगी।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS