उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध राजा बलवंत सिंह कॉलेज तकरीबन 150 से ज्यादा कृषि छात्रों ने मंगलवार को खंदारी परिसर में कुलपति अरविंद कुमार दीक्षित के निवास के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों ने अपनी मांगें न माने जाने के विरोध में पिछले दो दिन से कक्षाओं का भी बहिष्कार किया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन कृषि में बीएससी और एमससी पाठ्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा मान्यता दिलाने के लिए ठोस प्रयास नहीं कर रहा है। इस दौरान छात्रों ने बताया कि की मान्यता के बिना उनकी डिग्री का कोई मतलब नहीं होगा। साथ ही उन्हें दूसरे कॉलेजों में ऐडमिशन नहीं मिलेगा और नौकरी पाने में भी मुश्किल होगी।
एमएससी (एग्रीकल्चर इकनॉमिक्स) के एक छात्र ने कहा कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कई छात्रों को रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि राजा बलवंत सिंह कॉलेज के पास आईसीएआर की मान्यता नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारी डिग्री कागज के एक टुकड़े के अलावा कुछ नहीं होगी। कोई भी सरकारी एजेंसी हमें नौकरी नहीं देगी। हमने कई बार कॉलेज के अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को उठाया लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।”
छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन आईसीएआर की मान्यता लेने में दिलचस्पी नहीं रखता क्योंकि मान्यता मिलने के बाद उन्हें इसके नियमों का पालन करना होगा। गौरतलब है कि फिलहाल, आरबीएस कॉलेज में कृषि में बीएससी और एमएससी पाठ्यक्रमों में 800 से अधिक छात्र रजिस्टर्ड हैं। छात्रों द्वारा तीन घंटे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी बात मान ली और 5 छात्रों के समूह को वीसी से मिलने की इजाजत दे दी।
वीसी ने छात्रों से बात कर उन्हें मामले पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। विश्वविद्यालय के पीआरओ जीएस शर्मा ने बताया कि कुलपति ने आरबीएस कॉलेज के कृषि छात्रों की मांग को स्वीकार कर लिया है। कॉलेज के कृषि विभाग के डीन को कृषि पाठ्यक्रम के आईसीएआर मान्यता के लिए एक प्रस्ताव देने के लिए कहा गया है।
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Source: Uttarpradesh Feed By RSS