नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि सरकारी जमीन पर अनधिकृत और अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त किया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने एक याचिका खारिज करने के दौरान यह टिप्पणी की। याचिका के जरिये यह मांग की गई थी कि निजी या सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को सरकार को सौंप दिया जाए, जो युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के पुनर्वास के लिये इसका इस्तेमाल कर सकती है। अदालत ने वकीलों के एक समूह की याचिका स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि इस याचिका को स्वीकार करने से सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण या अतिक्रमण की बाढ़ आ जाएगी। पीठ ने कहा, ‘‘सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की इजाजत नहीं दी जा सकती। सरकारी जमीन पर किसी अनधिकृत या अवैध निर्माण को हमेशा ही ध्वस्त किया जाना चाहिए।’’
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