उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके से 3 अक्टूबर को एक से हुई 1.63 करोड़ की चोरी के मामले में पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे हैं। घटना को अंजाम देने वाले गैंग से जुड़े तीन लोगों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस को पता चला है कि गैंग तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली का है जबकि फिलहाल पश्चिम बंगाल से संचालित किया जा रहा है। गैंग ने इससे पहले भी दिल्ली के साथ ही अंबेडकरनगर, बिजनौर, नोएडा और वाराणसी में भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया है।
एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि गैंग का मुख्य ठिकाना त्रिची (तिरुचिरापल्ली) है, जबकि फिलहाल यह पश्चिम बंगाल के तारापीठ और वर्धमान से संचालित किया जा रहा है। गैंग में शामिल अधिकांश लोग टप्पेबाजी और चोरी की घटनाओं को अंजाम देने में माहिर हैं। गैंग के हर सदस्य को अलग-अलग काम बांटे जाते हैं और वह उसे बहुत सफाई से अंजाम देते हैं।
पंकज ने बताया कि घटनाओं को अंजाम देने के बाद गैंग के अधिकांश सदस्य मंदिरों के आसपास ही शरण लेते हैं और लगातार अपने ठिकाने बदलते रहते हैं। गैंग में 6 से लेकर 15 लोग तक शामिल हो सकते हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल होती हैं। ये लोग कई बार यह श्रमिकों के रूप में भी रहते हैं। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि गैंग ने वैन से कैश चुराने से पहले रेकी नहीं की थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर क्राइम ब्रांच गैंग के अन्य सदस्यों को खोजने में जुट गई है।
Source: Uttarpradesh Feed By RSS