को लेकर बुधवार को में सुनवाई पूरी हो गई। उधर, अयोध्या से संबंंधित नक्शा मुस्लिम पक्षकार के वरिष्ठ वकील द्वारा फाड़े जाने को लेकर हर तरफ नाराजगी जाहिर की जा रही है। न्यास से जुड़े ने गुरुवार को कहा कि मैं तो मुकदमा दर्ज कराने वाला था लेकिन इससे रामलला का मामला प्रभावित न हो, इसलिए मैंने इस विचार को फिलहाल स्थगित कर दिया है। उधर, ने इस मामले में पत्र लिखकर डॉ. राजीव धवन की शिकायत बार काउंसिल ऑफ इंडिया से की है। पत्र के जरिए राजीव धवन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
एनबीटी ऑनलाइन से राम विलास वेदांती ने कहा, ‘राजीव धवन ने न्यायालय का विरोध किया है, न्याय का विरोध किया है, संविधान का विरोध किया है। उन्होंने न्यायाधीशों के सामने नक्शा फाड़ा है। मैं तो उन पर आज एफआईआर कराने वाला था लेकिन इससे हमारा मामला प्रभावित न हो जाए, जिसके लिए मैं सोचता हूं कि इसे अभी स्थगित रखा जाए। रामलला के पक्ष में जब निर्णय आ जाएगा तो राजीव धवन के ऊपर निश्चित ही कार्रवाई करेंगे। उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराकर कानूनी दंडात्मक प्रक्रिया से दंड दिलाने का काम करूंगा।’
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सीजेआई ने भी जाहिर की थी नाराजगी
बता दें कि आखिरी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जबरदस्त गहमागहमी और ड्रामा देखने को मिला। 5 जजों की संविधान पीठ के सामने मुस्लिम पक्षकार के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने अयोध्या से संबंधित एक नक्शा ही फाड़ दिया। दरअसल, हिंदू पक्षकार के वकील विकास सिंह ने एक किताब का जिक्र करते हुए नक्शा दिखाया था। नक्शा फाड़ने के बाद हिंदू महासभा के वकील और धवन में तीखी बहस हो गई। इससे नाराज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा था जज उठकर चले जाएंगे।
‘कांग्रेस की ओर से रचा जा रहा षड्यंत्र’
सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावा छोड़ने की हलचल पर राम विलास वेदांती ने कहा, ‘जजों को यह पता चल गया है कि जो खंभे बचे थे, जिनमें हनुमानजी की मूर्ति, दुर्गाजी की मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, नटराज भगवान शंकर की मूर्ति , धनुषबाण के चिह्न, शंख, चक्र गदा आदि के निशान वहां पर मिले हैं। नासा के उपग्रह के अनुसार, जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, उसके नीचे भगवान शंकर का मंदिर मिला। यह दृश्य देखने के बाद लगता है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड समझ गया है कि वे मुकदमा हार जाएंगे इसलिए यह कांग्रेस की ओर से षड्यंत्र रचा जा रहा है।’
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‘अयोध्या की धरती पर मस्जिद नहीं’वेदांती ने कहा, ‘हम किसी कीमत पर रामलला की भूमि को छोड़ना नहीं चाहते हैं। रामलला की विजय हो चुकी है, सिर्फ फैसला आना बाकी है। हमें सुप्रीम कोर्ट पर यकीन है, जजों पर भरोसा है, भारत के संविधान पर विश्वास है। इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण जन्मभूमि को देखा जाएगा। मैं अयोध्या की धरती पर किसी मस्जिद का निर्माण नहीं होने दूंगा। मस्जिद बनाना है तो बाहर किसी भी कोने में बनाएं लेकिन अयोध्या की धरती पर मैं किसी मस्जिद का निर्माण नहीं होने दूंगा।’
Source: Uttarpradesh Feed By RSS