राधिका ने कहा कि हर किरदार के लिए अलग-अलग तरह की मेहनत करने की आवश्यकता होती है। किसी के लिए कुछ ज्यादा रिसर्च करनी होती है तो किसी में ज्यादा प्रैक्टिस करनी होती है। यानि कि हर बार अलग तरह की तैयारी करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि वह उनमें से नहीं हैं जो अपने किरदार के साथ अटैच हो जाते हैं। बल्कि शूटिंग खत्म होते ही वह खुद को उस रोल से बड़ी आसानी से डिटैच कर लेती हैं।
राधिका ने साल 2005 में फिल्म ‘ वाह लाइफ हो तो ऐसी’ से बॉलिवुड में डेब्यू किया था। इन्होंने हिंदी के अलावा कई अन्य भाषाओं की भी फिल्में की हैं। इसके अलावा इंटरनैशनल स्पेस के बारे में बात करें तो जल्दी ही वह ‘वर्ल्ड वॉर 2’ की सत्य घटनाओं पर आधारित बनने वाली फिल्म में बतौर स्पाई की भूमिका निभाती हुई नजर आएंगी। साथ ही वह नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ फिल्म ” में भी दिखाई देंगी।
बता दें कि राधिका को फिल्म ‘मैडली’ के लिए बेस्ट ऐक्ट्रेस इन इंटरनैशनल कैटिगरी के लिए ‘ट्राइबेका अवॉर्ड’ भी मिल चुका है।
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