के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए यूपी के शाहजहांपुर में डेरा डाले बैठी यूपी एटीएस टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से एक संदिग्ध को अरेस्ट किया है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध का नाम सैयद कैफी अली है और वह यहां की एक प्रतिष्ठित दरगाह से जुड़ा हुआ है। एटीएस कैफी अली को पूछताछ के लिए लखनऊ ला रही है।
सूत्रों ने बताया कि कमलेश के हत्यारोपियों ने कैफी अली को गुजरात से फोन किया था। इसी आधार पर एटीएस ने कैफी अली को उठाया है। परिवार ने बताया कि देर रात को पुलिस ने कैफी अली को अरेस्ट किया। जांच टीम अब कैफी से पूछताछ कर रही है। बता दें कि इस हत्याकांड में शामिल बताए जा रहे फरीद उर्फ मोइन खान पठान और अशफाक खान पठान यूपी के शाहजहांपुर जिले में देखे गए हैं।
सीसीटीवी से दोनों आरोपियों का फुटेज मिला
पुलिस को एक होटल के सीसीटीवी से दोनों आरोपियों का फुटेज मिला है। ये आरोपी शाहजहांपुर में रुके थे, लेकिन एसटीएफ के पहुंचने की भनक मिलते ही अंडरग्राउंड हो गए। एसटीएफ ने आरोपियों की कार के ड्राइवर को अरेस्ट किया है और उससे पूछताछ कर रही है। ये आरोपी नेपाल भागना चाहते थे लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण जा नहीं सके और छिपने के लिए शाहजहांपुर पहुंच गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, कमलेश तिवारी के दोनों हत्यारे गाड़ी किराए पर लेकर आए थे। इन लोगों ने शाहजहांपुर रोडवेज बस अड्डे पर गाड़ी को छोड़ा और वहां से पैदल टहलते हुए रेलवे स्टेशन की तरफ पहुंचे थे। एक होटल के सीसीटीवी कैमरे से इन हत्यारों का फुटेज मिला है। माना जा रहा है कि वे शाहजहांपुर में ही कहीं पर छिपे हुए हैं।
कार के लिए गुजरात से आया था फोन
आरोपियों की कार के ड्राइवर ने बताया है कि उसके मालिक के पास कार को किराए पर देने के लिए गुजरात से फोन आया था। कार के लिए हत्यारों ने 5 हजार रुपये किराया तय किया था। हत्यारों की तलाश में यूपी एसटीएफ की कई टीमें शाहजहांपुर में छापेमारी कर रही हैं। इससे पहले इस हत्याकांड की जांच कर रहे गुजरात एटीएस के अधिकारियों ने संदेह जताया था कि सूरत के रहने वाले दोनों हत्यारे नेपाल भाग गए हैं।
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