रायपुर, मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कल 15 सितम्बर को अभियंता दिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त अभियंताओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डाॅ. सिंह ने आज यहां जारी बधाई संदेश में कहा है कि 15 सितम्बर को हमारे देश के महान इंजीनियर ‘भारत रत्न’ डाॅ. मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया की जयंती हर साल अभियंता के रूप में मनाई जाती है, जो सभी इंजीनियरों के लिए निश्चित रूप से गर्व की बात है। वह आधुनिक भारत के नवनिर्माण के लिए कुशल शिल्पकार थे।
डाॅ. सिंह ने कहा – वास्तव में किसी भी राज्य अथवा देश के निर्माण और विकास में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। चाहे वे सिविल इंजीनियर हो, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल अथवा माइनिंग इंजीनियर हों। इंजीनियरिंग की विभिन्न विधाओं के जरिए अभियंता राज्य और देश की अधोसंरचनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस दृष्टि से उन्हें डाॅ. एम. विश्वेश्वरैया की जीवनगाथा इंजीनियरों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक है। वह एक महान शिक्षाविद और कुशल योजनाकार भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा – विलक्षण प्रतिभा के धनी महान अभियंता डाॅ. एम. विश्वेश्वरैया ने देश की आजादी के पहले मैसूर (कर्नाटक) में कृष्णराज सागर बांध के निर्माण में और बाद में 92 वर्ष की उम्र में वर्ष 1952 में पटना में गंगा नदी पर राजेन्द्र सेतु के निर्माण के लिए जैसा कठोर परिश्रम किया वह अपने आप में एक प्रेरणादायक उदाहरण है। मैसूर विश्वविद्यालय बेंगलुरू (कर्नाटक) में हिन्दुस्तान एयरोनाॅटिक्स की स्थापना में उनकी बड़ी रचनात्मक भूमिका थी। उनके तकनीकी मार्गदर्शन में देश में ओड़िशा के हीराकुद सहित देश के कई क्षेत्रों में अनेक सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण हुआ। उनका जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले के ग्राम चिक्काबल्लापुर में 15 सितम्बर 1861 को हुआ था। निधन 101 वर्ष की उम्र में 14 अप्रैल 1962 को हुआ।
डाॅ. रमन सिंह ने कहा – डाॅ. एम. विश्वेश्वरैया की जीवनगाथा से हम सब को राष्ट्र निर्माण के लिए ईमानदारी और परिश्रम के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती है। उन्हें वर्ष 1955 में देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। जब वे 100 वर्ष के हुए तो भारत सरकार ने उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया।