मुश्किल में आजम फैमिली, कोर्ट से निकला वॉरंट

शादाब रिजवी, रामपुर
दो बर्थ सर्टिफिकेट रखने के मामले में के विधायक अब्दुल्ला बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। के अलावा उनके पिता और सांसद आजम खान और उनकी मां के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। दरअसल, आज तीनों को इस मामले में कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन ये लोग पेश नहीं हुए। वहीं, बीजेपी नेता आकाश सक्सेना अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में हाजिर हुए।

रामपुर के सहायक शासकीय अधिवक्ता राम अवतार सैनी के मुताबिक, अपर जिला जज 6 धीरेंद्र कुमार ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में सांसद आज़म खान, पत्नी विधायक तंजीन फातिमा और बेटे विधायक अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ ये गैरजमानती वॉरंट जारी किए हैं और अगली सुनवाई की तारीख 2 दिसंबर तय की है। इसके अलावा दो अन्य मामलों में भी आजम खान के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किए गए हैं। इसमें एक मामला 2019 लोकसभा चुनाव में आचार सहिंता उल्‍लंघन का और दूसरा पड़ोसी से मारपीट करने के आरोप का है।

आरोप सही पाए जाने के बाद दर्ज हुई थी एफआईआर
फर्जी सर्टिफिकेट मामले में जांच के बाद आरोप के सही पाए गए थे। इस पर इसी साल जनवरी महीने में रामपुर के थाना गंज में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम खान पर धारा 193, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताते चलें कि आजम खान रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।

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आपको बता दें कि बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया था, ‘आजम खान और तंजीन फातिमा ने अपने बेटे आजम अब्दुल्ला के लिए दो बर्थ सर्टिफिकेट बनवाए हैं। इन दोनों (आजम खान और ताजीन फातिमा) ने रामपुर में जन्म स्थान दिखाकर नगर पालिका रामपुर से पहला सर्टिफिकेट बनवाया। सूचना मांगने पर आगजनी में कागजात जलने की बात कही गई। दूसरे सर्टिफिकेट के लिए क्वीन मैरी हॉस्पिटल लखनऊ का जन्म प्रमाण पत्र लगाकर लखनऊ नगर निगम से दूसरा प्रमाण पत्र बनवाया।’

हाई कोर्ट में भी दायर हुई थी याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट में आजम अब्दुल्ला के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय माध्यमिक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं की मार्क्सशीट में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि, क्वीन मैरी अस्पताल में उनका जन्म हुआ और वहां उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है। 21 अप्रैल 2015 को नगर निगम लखनऊ से जारी कराए गए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर ही ऐफिडेविट दाखिल किया गया है। यह याचिका रामपुर के नवाब कासिम अली खां ने दाखिल की थी।

Source: International