बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में संस्कृत के प्रफेसर के पद पर नियुक्त हुए डॉ. फिरोज खान ने यूनिवर्सिटी की दूसरी फैकल्टी के लिए भी आवेदन किया था। इस पोस्ट के लिए होने वाले इंटरव्यू में वह न सिर्फ चयनित किए गए हैं बल्कि मेरिट लिस्ट में टॉप पर आए हैं। बता दें कि बीएचयू में छात्र मुस्लिम प्रफेसर की नियुक्ति के विरोध में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि किसी मुस्लिम प्रफेसर से हिंदू धर्म के कर्मकांड को सीखना महामना की मंशा को आघात पहुंचाना है। हालांकि, बीएचयू प्रशासन ने साफ किया था कि डॉ. फिरोज कर्मकांड नहीं, बल्कि संस्कृत साहित्य पढ़ाएंगे।
यूनिवर्सिटी की आयुर्वेद फैकल्टी के संस्कृत विभाग में डॉ. फिरोज ने आवेदन किया था। मेरिट के आधार पर डॉ. फिरोज ने यहां भी टॉप किया है। 86.75 स्कोर के साथ वह मेरिट लिस्ट में टॉप पर हैं। उनका चयन इंटरव्यू के लिए कर लिया गया है। 29 नवंबर को इस पद के लिए उनका इंटरव्यू होगा। बता दें कि डॉक्टर फिरोज ने एक नहीं कई विभागों और विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन किए थे। बीएचयू के आयुर्वेद विभाग के लिए भी फिरोज खान ने अप्लाइ किया था।
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छात्रों ने पूछे हैं ये सवाल
बता दें कि डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर
का एक छात्र गुट काफी दिनों से आंदोलन कर रहा है। आंदोलनरत छात्रों ने कुलपति से ये सवाल पूछे हैं- इस नियुक्ति प्रक्रिया में विश्वविद्यालय ने यूजीसी के किस शार्ट लिस्टिंग प्रक्रिया को अपनाया है? विश्वविद्यालय संविधान के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया सम्पन्न हुई है? क्या बीएचयू ऐक्ट के 1904, 1096, 1915, 1955, 1966 और 1969 ऐक्ट को केंद्र में रखकर यह नियुक्ति की गई है? संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में क्या संकाय के अन्य सभी विभागों के अनुरूप ही शार्ट लिस्टिंग हुई है? क्या संकाय के सनातन धर्म के नियमों को ध्यान में रखकर शार्ट लिस्टिंग की गई है? बीएचयू प्रशासन ने आंदोलनरत छात्रों की ओर से पूछे गए इन सवालों का 10 दिन के अंदर लिखित जवाब देने का आश्वासन दिया है।
Source: National