पत्रकार प्रभाष पाठक की पत्नी को मिली जमानत परिवार को मिली बड़ी राहत

अधिवक्ता भगवानू नायक ने की पैरवी

प्रदेश में पत्रकार और उनके परिवार असुरक्षित – जोगी


रायपुर छत्तीसगढ़-  एक तरफ तो प्रदेश सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की दुहाई दे रही है वहीं दूसरी तरफ पत्रकार और उनके परिवारों को पुलिस के द्वारा झूठे मामले में फंसाया जा रहा है । पत्रकार प्रभाष पाठक एवं उनकी पत्नी श्रीमती प्रभा पाठक के विरुद्ध पुलिस थाना आजाद चौक के द्वारा धारा 420 भा द वि, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम, आवश्यक वस्तु अधिनियम, सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिनियम के तहत मामला बनाया गया है। पुलिस ने पाठक परिवार पर गलत जानकारी देकर गरीबी रेखा राशन कार्ड बनाकर अपने बच्चे शिरीष पाठक को राजकुमार कॉलेज में दाखिला लेने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज वर्ष 2014 में दर्ज किया गया था और 18 नवंबर को श्रीमती प्रभा पाठक की गिरफ्तार किया गया क्योंकि उक्त राशन कार्ड श्रीमती प्रभा पाठक के नाम से बना है। इस मामले में पत्रकार पाठक परिवार राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो से भेंट कर परिवार को न्याय दिलाने के लिए मदद मांगा। श्री जोगी ने पाठक परिवार को हर संभव पार्टी की ओर से मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा प्रदेश में पत्रकार और उनके परिवार असुरक्षित हैं एक तरफ तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के संबंध में कानून बनाने की दुहाई देती है वहीं दूसरी तरफ पत्रकार और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार किया जा रहा है उन्हें निर्दोष होकर भी जेल में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।

इस मामले में श्री जोगी के कहने पर पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश प्रवक्ता, अधिवक्ता भगवानू नायक ने श्रीमती प्रभा पाठक की ओर से ज़मानत आवेदन प्रस्तुत कर माननीय न्यायालय में पैरवी की और माननीय न्यायालय श्रीमती लीना अग्रवाल, प्रथम अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश के द्वारा अधिवक्ता श्री नायक के द्वारा प्रस्तुत जमानत पर सुनवाई करते हुए श्रीमती प्रभा पाठक को जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित किया है । जिससे पाठक परिवार को बड़ी राहत मिली है तथा उन्होंने कहा है कि न्यायालय में उनका परिवार बाइज्जत बरी होगा और दूध का दूध और पानी का पानी होगा।