जापान और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री अपने नेताओं के बीच अगले महीने शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर शनिवार को सहमति बन गई। सोल द्वारा एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौता करने के बाद तनाव कम करने के लिए यह सहमति बनी है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे और राष्ट्रपति मून जाये के बीच अगले महीने चीन में बैठक हो सकती है। दोनों देशों के मंत्री जापान के नागोया में जी-20 बैठक के इतर इस मुलाकात के लिए राजी हुए।
जापान के एक राजनयिक ने अपना नाम उजागर नहीं करते हुए बताया कि अगले महीने जापान- चीन- दक्षिण कोरिया त्रिपक्षीय वार्ता के अवसर पर शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। क्षेत्र में अमेरिका के दोनों प्रमुख सहयोगियों के बीच हाल के महीने में व्यापार और युद्ध के समय जापान के अत्याचारों को लेकर संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इस कारण सोल ने एक महत्वपूर्ण सैन्य सूचना साझा करने वाले समझौते से अलग होने की धमकी दी जो अमेरिका के लिए खतरे की घंटी है।
अमेरिका का कहना है कि इससे क्षेत्र में केवल उत्तर कोरिया और चीन को फायदा होगा। लेकिन समझौते के खत्म होने से छह घंटे पहले शुक्रवार को दक्षिण कोरिया ने फैसला बदल लिया और इसे ‘सशर्त’ जारी रखने पर सहमत हो गया। साथ ही उसने चेतावनी दी कि वह इसे किसी भी क्षण ‘खत्म’ कर सकता है।
जीएसओएमआईए नाम से जाने जाने वाले समझौते के तहत अमेरिका के दोनों सहयोगी राष्ट्र सैन्य खुफिया सूचनाओं का आदान- प्रदान करते हैं और खासकर प्योंगयांग के परमाणु और मिसाइल क्षमता के बारे में सूचनाएं साझा करते हैं। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने निर्णय पर शुक्रवार को सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टोक्यो, सोल और वॉशिंगटन के बीच समन्वय ‘काफी महत्वपूर्ण’ है जबकि उनके रक्षा मंत्री ने दक्षिण कोरिया से अपील की कि समझौते को ‘ठोस तरीके से’ बढ़ाया जाए।
जापान ने दक्षिण कोरिया को देशों की तथाकथित ‘वाइट लिस्ट’ से हटा दिया जिन्हें व्यापार में तरजीह दी जाती है जिसके जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए थे।
Source: International