जानें- बांग्लादेश के खिलाफ भारत को हुआ यह हासिल

नई दिल्ली
दो दिन और 47 मिनट। भारत को बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट जीतने में सिर्फ इतना ही समय लगा। बांग्लादेश की टीम ने दोनों पारियों में मिलाकर 70.4 ओवर खेले। भारत ने बांग्लादेश को पहली पारी में सिर्फ 106 पर समेटा और फिर धाकड़ बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 347 रन बनाकर पारी घोषित की। इसके बाद बांग्लादेश की दूसरी पारी भी सिर्फ 195 रनों पर समेट दी। नतीजा भारत ने मैच पारी और 40 रनों से जीता।

भारत को अब अगले साल कोई घरेलू टेस्ट मैच नहीं खेलना है। भारतीय टीम 2021 में इंग्लैंड की मेजबानी करेगी। अगले साल भारत जनवरी-फरवरी में न्यू जीलैंड और फिर दिसंबर में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलेगी। यहां जानें इस होम टेस्ट सीजन में टीम इंडिया के लिए क्या रहा खास…

पेस बोलिंग का दमभारतीय पेस बैटरी ने पूरी सीरीज में शानदार खेल दिखाया। जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी के बावजूद उमेश यादव, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा की तिकड़ी ने बांग्लादेश को बांधे रखा। भारतीय टीम जो घरेलू मैदानों पर स्पिनर्स को अपने मुख्य हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए जानी जाती थी, उसने अब यह इमेज बदल ली है। फास्ट बोलिंग के लिए तैयार हुए भारतीय हथियार अब रफ्तार वाले हो गए हैं।

तेजी और स्विंग भारतीय बोलिंग आक्रमण की पहचान बनते जा रहे हैं। पेस बोलिंग अटैक भारत को विदेशी दौरों पर भी मजबूती देगा और अगले साल जब भारत न्यू जीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जाएगा तब यही भारत के काम आएगा। यादव, शमी, शर्मा, बुमराह के अलावा भुवनेश्वर कुमार भी इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं देखना दिलचस्प होगा कि क्या टीम प्रबंधन नवदीप सैनी जैसे युवा गेंदबाज को टेस्ट के लिए स्कीम ऑफ थिंग्स में रखता है या नहीं।

विकेटकीपर बल्लेबाजऋद्धिमान साहा ने विकेट के पीछे गजब का प्रदर्शन किया। उन्होंने कई शानदार कैच पकड़े और गेंद को अपने करीब से गुजरने नहीं दिया। एक अच्छा विकेटकीपर होने से गेंदबाज का आत्मविश्वास भी बढ़ जाता है। टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर मुरली कार्तिक ने हमारे सहयोगी क्रिकबज के एक शो में कहा कि वह हमेशा चाहेंगे कि टीम चुने जाते समय विकेटकीपिंग स्किल्स को जरूर तरजीह दी जानी चाहिए।


उन्होंने कहा कि उनकी पसंद एक विकेटकीपर होगा, जो बल्लेबाजी कर सके। यानी विकेटकीपिंग स्किल्स को महत्ता दी जानी चाहिए। और ऐसे में साहा ने हालिया सीरीज में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया है।

अग्रवाल सलामी बल्लेबाज
अब लगभग तय हो गया है कि मयंक अग्रवाल क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज होंगे। वह सिर्फ 13 पारियों में अग्रवाल 872 रन बना चुके हैं। वह अपने विकेट की कीमत समझते हैं और उसे आसानी से नहीं गंवाते। इतना ही नहीं एक बार सेट होने के बाद वह तेजी से रन बनाते हैं। अग्रवाल दो दोहरे शतक लगा चुके हैं।

घरेलू क्रिकेट में उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और लंबे इंतजार के बाद उन्हें टेस्ट टीम में मौका मिला अब मयंक उस मौके को खोना नहीं चाहते। अग्रवाल अगर अपनी इस फॉर्म को बनाए रखते हैं तो भारतीय टीम के की बड़ी समस्याओं का हल कर देंगे।

पिंक बॉलभारत में पहले को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह देखा गया। मैच तीसरे दिन तक गया और दर्शक बड़ी संख्या में इसे देखने पहुंचे। लोगों ने इस प्रारूप को फिलहाल हाथोहाथ लिया है। टेस्ट क्रिकेट का समय बदलने से खिलाड़ियों को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा है।

सांझ का समय खिलाड़ियों के लिए खासा मुश्किल है। गेंद इस समय सबसे ज्यादा हरकत करती है और बल्लेबाजों को अधिक सचेत होना पड़ता है। वहीं फील्डिंग टीम की चुनौती यह है कि यह गुलाबी गेंद अधिक तेजी से आती है। कप्तान कोहली ने भी माना था कि इस बॉल से फील्डिंग करना अधिक चुनौतीपूर्ण है।

Source: Sports