पंजाब में दलित हत्या के मामले में जमीनी स्थिति देखने गई बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। होम मिनिस्टर अमित शाह को भी दी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि न्याय न मिलने की वजह से पंजाब के दलित नक्सलवाद की तरफ बढ़ रहे हैं और यह एक खतरनाक संकेत है।
संगरूर के चांगलीवाला गांव में एक दलित की हत्या के मामले में बीजेपी ने अपने तीन सांसदों विनय सहत्रबुद्धे, सत्यपाल सिंह और बी.डी.राम की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाई। यह टीम शनिवार को गांव गई और मृतक के परिवार वालों के साथ ही गांव वालों, पुलिस, डॉक्टर, सरकारी अधिकारी और विभिन्न संगठन के लोगों से बात की।
बीजेपी सांसद विनय सहत्रबुद्धे ने कहा कि हमने रिपोर्ट बीजेपी अध्यक्ष, पंजाब के गवर्नर और सोशल जस्टिस मिनिस्टर को भी दे दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस और डॉक्टर को जो ऐक्टिव रोल निभाना चाहिए था वह नहीं निभाया। मेडिकल असिस्टेंस में भी लापरवाही बरती गई। बीजेपी सांसद ने कहा कि पंजाब के कुछ क्षेत्रों में जिस तरह दलितों पर अत्याचार हो रहा है उसका कुछ लोग राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं और वहां नक्सलवाद भी बढ़ता दिख रहा है। वहां दलित धर्मशाला में हमें चे ग्वेरा और नक्सली नेताओं की तस्वीरें दिखीं और वहां की लाइब्रेरी में नक्सली साहित्य दिखा। उन्होंने कहा कि हमने गृह मंत्री और पंजाब के गवर्नर को इसके बारे में बताया है यह खतरनाक संकेत है।
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा कि वहां यह साफ दिख रहा है कि दलित समुदाय के लोग नक्सलवाद की तरफ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां जिस तरह का नक्सली साहित्य दिखा है अगर वैसा महाराष्ट्र में होता तो अब तक केस रजिस्टर हो जाता।
दलित हत्या को लेकर सत्यपाल सिंह ने कहा कि वह घटना जहां हुई वह पुलिस चौकी से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है और ऐसा मुमकिन नहीं कि पुलिस को इसकी जानकारी न हो। उन्होंने कहा कि पुलिस ने हत्या की कोशिश का मामला तक दर्ज नहीं किया। बीजेपी सांसद ने कहा कि पुलिस और डॉक्टर की या तो इसमें मिलीभगत है या फिर वह किसी राजनीतिक दबाव में हैं। बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने कहा कि यह साफ तौर पर लीचिंग का केस है और हमने पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग की है।
Source: National