तेज गेंदबाजों ने किया धमाल, NZ में करेंगे कमाल?

कोलकाता
भारतीय तेज गेंदबाजों ने एक बार फिर शानदार खेल दिखाया और बांग्लादेश को के तीसरे ही दिन पारी और 40 रनों से हरा दिया था। यह भारतीय सरजमीं पर खेला गया पहला था और टीम इंडिया के पेसर्स ने इसमें शानदार खेल दिखाया।

इशांत शर्मा, और ने कोलकाता में बांग्लादेश के 19 विकेट लिए। आमतौर पर भारतीय उपमहाद्वीप में तेज गेंदबाजों की ओर से ऐसा दमदार प्रदर्शन नहीं देखने को मिलता। यह दोनों टीमों का पहला ही पिंक बॉल टेस्ट मैच था और भारतीय टीम के सामने बांग्लादेश कहीं ठहरता नजर नहीं आया।

इसके साथ ही इस तिकड़ी ने भारतीय धरती पर तेज गेंदबाजों द्वारा टेस्ट में किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। भारत में खेले गए किसी टेस्ट मैच में पेसर्स ने कभी इतने ज्यादा विकेट नहीं लिए थे। 2017 में श्रीलंका के खिलाफ ईडन गार्डंस में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 17 विकेट लिए थे।

भारत ने दो मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम की। इंदौर में खेले गए सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत ने बांग्लादेश को पारी और 130 रनों से मात दी थी।

भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अपने कॉलम में लिखा, ‘यह तय नजर आ रहा था कि भारतीय पेसर्स का इसमें बोलबाला रहेगा लेकिन बांग्लादेशी बल्लेबाजों के प्रदर्शन ने बेशक काफी निराश किया।’

कप्तान विराट कोहली ने भी टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों की तारीफ की और कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट बोलर्स को टॉप फॉर्म में रखने के पीछे अहम वजह है। रविवार को मैच जीतने के बाद कोहली ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘उन्हें अधिक अनुभव हुआ है, वे अब मिलकर बोलिंग कर रहे हैं।’

पेसर्स की भूमिका इसलिए भी अहम हो जाती है चूंकि यॉर्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह टीम के साथ नहीं हैं। बुमराह कमर में चोट से उबर रहे हैं और उन्हें वापसी में अभी समय लगेगा।

शमी और यादव ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में दमदार खेल दिखाया था। इस जोड़ी ने 3 मैचों की सीरीज में 24 विकेट लिए थे। भारत ने वह सीरीज 3-0 से अपने नाम की थी।

स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में कुल मिलाकर सात ओवर फेंके। बांग्लादेशी टीम ने जहां पहली पारी में 106 रनों पर सिमट गई थी वहीं दूसरी पारी में टीम 195 रन बनाए थे।

ऑलराउंडर इरफान पठान ने टि्वटर पर लिखा, ‘भारत में टेस्ट मैच के दौरान आमतौर पर ऐसा नहीं होता कि स्पिनर्स को बमुश्किल गेंदबाजी करने का मौका मिले।’

हालांकि भारतीय तेज गेंदबाजों की असली परीक्षा अगले साल जनवरी फरवरी में होगी जब टीम न्यू जीलैंड में सीमर-फ्रैंडली परिस्थितियों में दो टेस्ट मैच खेलेगी।

Source: Sports