महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे आने के बाद आखिरकार के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई लेकिन तीन दिन बाद ही फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहले ही फडणवीस से साफ-साफ कह दिया था कि शिवसेना के बिना सरकार नहीं बनानी चाहिए। बता दें कि 5 नवंबर को नागपुर में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत से फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मिलने गए थे।
इस बारे में सूत्रों ने बताया था कि फडणवीस से भागवत ने कहा था कि अगर सेना एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बना रही है तो उसे बनाने दें। बीजेपी के एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर से बताया था, ‘भागवत ने कहा कि विपक्ष में रहकर लोगों की सेवा करो लेकिन विधायकों की खरीद-फरोख्त न करें जिससे आने वाले समय में बीजेपी के हितों को नुकसान पहुंचे।’
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इससे पहले शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने खत लिखकर भागवत से बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने की मांग की थी। नागपुर में आरएसएस के जानकार दिलीप देवधर ने बताया, ‘आरएसएस को हमेशा जोड़ने की राजनीति में दिलचस्पी थी, घटाने में नहीं। इसलिए उसने बीजेपी से शिवसेना को नाराज करके बिना उसके समर्थन के सरकार बनाने का दावा नहीं पेश करने को कहा था।’
हालांकि, फडणवीस ने फिर भी अजित पवार का समर्थन लेकर सरकार बनाई और 23 नवंबर को सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इसके तीन दिन बाद ही अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया जिससे फडणवीस ने बहुमत का दावा छोड़ दिया और 26 नवंबर को इस्तीफा दे दिया।
Source: National