तीन साल की जब सिर्फ 10 महीने की थीं, तब उन्होंने दोनों हाथों से लिखना शुरू कर दिया था। इसी को लेकर उनका नाम ऑफ इंडिया और एशिया बुक ऑफ में भी दर्ज किया गया है। षंजन नर्सरी में पढ़ती हैं लेकिन उन्हें कक्षा 9 तक के इतिहास, भूगोल और विज्ञान विषय की अच्छी खासी जानकारी है। इतनी कम में भी वह चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को देखने के लिए रातभर जग रही थीं। गुरुवार को षंजन थम्मा ने मध्य प्रदेश के सीएम से मुलाकात की।
उज्जैन निवासी षंजन थम्मा को सीएम कमलनाथ ने प्रशंसा पत्र भी दिया। षंजन दुनिया में सबसे कम उम्र में ‘यंगेस्ट ऐक्टिवट्रेक्स्ट्रस राइटर’ के रूप में वर्ल्ड रेकॉर्ड बना चुकी हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को मंत्रालय की 5वीं मंजिल पर अपने कक्ष में षंजन से मुलाकात की।
षंजन अपनी मां मानसी थम्मा और नाना रमेश चंद्र शर्मा के साथ आई थीं। उज्जैन निवासी षंजन जैसे ही कक्ष में दाखिल हुईं, मुख्यमंत्री ने गर्मजोशी के साथ उनसे हाथ मिलाया। षंजन से उन्होंने सवाल किया कि उसे कौन-कौन से मेडल प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने उसकी एक-एक उपलब्धि को देखा। मुख्यमंत्री ने षंजन को फूलों का गुलदस्ता और एक प्रशंसा-पत्र सौंपा।
’10 महीने की उम्र में ही शुरू कर दिया था दोनों हाथ से लिखना’
मुख्यमंत्री कमलनाथ को को षंजन की मां मानसी ने बताया कि जब वह 10 महीने की थी, तभी से दोनों हाथों से लिखने के साथ ही एक से 10 तक की गिनती उसे याद थी। विज्ञान, राजनीति और दुनिया के भूगोल की षंजन को गहरी समझ और जानकारी है। षंजन का पहला रेकॉर्ड दो साल 11 माह में बना, जब वह दोनों हाथों से लिखने लगी थी। दूसरा रेकॉर्ड इतनी ही कम उम्र में राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय गान के साथ ही सारे ‘जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ उसे पूरा याद होने के कारण बना। उसे वर्ल्ड रेकॉर्ड ऑफ इंडिया और एशिया बुक ऑफ रेकॉर्ड मिल चुका है।
षंजन की मां के अनुसार, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज होने की अंतिम प्रक्रिया चल रही है। षंजन की अपनी खुद की 250 किताबों की लाइब्रेरी है। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग उसने पूरी रात देखी और कहा कि आगे हम इसमें सफल होंगे। षंजन तीन साल की है और वह नर्सरी में है लेकिन उसे 9वीं कक्षा तक का पूरा ज्ञान है। षंजन की मां सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं और पिता श्रीधर थम्मा वायुसेना में हैं। षंजन की प्रतिभा को सहेजने और संवारने के लिए मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी। वह बीएड कर रही हैं ताकि स्वयं उसकी अधिकृत शिक्षिका बन सकें।
Source: Madhyapradesh