वॉट्सऐप जासूसी मामले में सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि वह वॉट्सऐप जैसे मेसेजिंग प्लेटफॉर्मों पर नागरिकों की निजता और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्यसभा में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार मेसेजिंग प्लेटफॉर्मों को और ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रही है।
प्रसाद ने जोर देकर कहा कि जासूसी विवाद के सामने आने के इतने दिनों बाद भी अभी तक किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है।
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प्रसाद ने कहा, ’31 अक्टूबर 2019 को मीडिया में यह खबर आई कि इजरायली स्पाइवेयर के जरिए वॉट्सऐप पर जासूसी की गई। इस मामले में दूरसंचार मंत्रालय ने न्यूज रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए 1 नवंबर को वॉट्सऐप को मेल लिखकर 4 नवंबर तक जवाब मांगा।…वॉट्सऐप ने बताया कि अप्रैल से मध्य मई 2019 के बीच इसके बारे में पता चला और मई में ही इसे ठीक कर लिया गया। दुनियाभर में करीब 1400 मोबाइल फोनों पर स्पाइवेयर भेजा गया।’
दूरसंचार मंत्री ने कहा कि मई 2019 में वॉट्सऐप ने सरकार को बस इतना बताया था कि कुछ खतरा था लेकिन समस्या को फिक्स कर दिया गया है और आगे कुछ करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ’26 जुलाई 2019 और 11 सितंबर 2019 को वॉट्सऐप के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी लेकिन तब कंपनी ने इस खतरे का कोई जिक्र नहीं किया था।’
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि वॉट्सऐप ने 5 सितंबर 2019 को बताया कि मई 2019 में उसे के बारे में पता चला। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट्स के मुताबिक हैकर्स ने करीब 121 भारतीयों को टारगेट करने की कोशिश की थी। दूर संचार मंत्री ने यह भी बताया कि 18 नवंबर 2019 को वॉट्सऐप का जवाब मिला। इसके बाद 26 नवंबर को वॉट्सऐप से कुछ और डीटेल मांगे गए।
Source: National