प्रेस क्लब शहडोल ने मुख्यमंत्री के नाम कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन

शहडोल। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग ने 20 सालों से जिले में पदस्थ एवं भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुरेंद्र सिंह द्वारा प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारों का घोर अपमान करने का मामला पत्रकार जगत में गरमा गया है जहां एक ओर जनसंपर्क एवं कानून मंत्री पीसी शर्मा ने गुरुवार को इस मामले को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेते हुए इस घटना की कड़ी भत्र्सना करते हुए कहा कि वह विभागीय मंत्री से इंजीनियर सुरेंद्र सिंह के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की बात करेंगे वहीं दूसरी ओर प्रेस क्लब शहडोल के पत्रकारों ने गुरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को संबोधित ज्ञापन कमिश्नर आर.बी. प्रजापति को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को अपमानित करने वाले एवं 20 साल से सरकारी धान की होली खेलकर भ्रष्टाचार में करोड़ों रुपए का वारा न्यारा करने वाले ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुरेंद्र सिंह को तत्काल शहडोल से बाहर हटाया जाए एवं उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए।
इनकी रही उपस्थिति
ज्ञापन सौंपने गए पत्रकारों में प्रेस क्लब शहडोल के अध्यक्ष अजय जायसवाल, महासचिव संजीव निगम, संरक्षक रघुवंश प्रसाद मिश्रा, उपाध्यक्ष राहुल मिश्रा, पुष्पेंद्र चतुर्वेदी एवं गजेंद्र सिंह परिहार, सचिव आशीष नामदेव एवं अखिलेश मिश्रा के अलावा फ्रंट न्यूज़ के संपादक कमलजीत सिंह, कार्यकारिणी सदस्य संजीव गुप्ता, विश्वास हलवाई, विश्व भूषण पांडे एवं शैलेंद्र तिवारी आशीष तिवारी समेत अन्य पत्रकार साथी उपस्थित रहे।
क्या कहा कमिश्नर ने
कमिश्नर आरडी प्रजापति ने पत्रकारों की शिकायत को गंभीरता पूर्वक सुनने के बाद आश्वस्त किया है कि वह इस ज्ञापन को तत्काल मुख्यमंत्री को भेज देंगे और उम्मीद है कि उचित कार्यवाही होगी।
क्या है भ्रष्टाचार का मामला
जनपद पंचायत बुढ़ार के अंतर्गत ग्राम पंचायत कमता में कुनुक नदी के परउहा घाट में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा लगभग 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित स्टॉप डैम पहली बरसात में बह गया। शिकायत पर भोपाल के प्रमुख अभियंता के आदेशानुसार विभाग के अधीक्षण यंत्री रीवा अजीम खान के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई गई। जांच टीम द्वारा जांच की गई और जांच में यह प्रमाणित पाया गया कि उक्त निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया और घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है जिसके कारण स्टॉप डैम पहली बारिश में ही क्षतिग्रस्त होकर बह गया। जांच टीम ने जब विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री सुरेंद्र सिंह से संबंधित दस्तावेज मांगा तो सुरेंद्र सिंह ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया।