लोकपाल ने जो आदेश दिया है उसके मुताबिक, ‘आज एक बजे, मुझे रजत शर्मा का एक मिला जिसमें उन्होंने लिखा था कि 16 नवंबर को पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके कारण उस पत्र में थे। उन्होंने कहा कि आदेश के कारण वह फिर भी अपने पद पर बने रहे। पत्र में उन्होंने बताया कि डीडीसीए में स्थिति काफी बुरी है और उनके लिए आगे काम करना नामुमकिन है। इसी कारण उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘यह साफ था कि रजत शर्मा डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करना चाहते हैं।’ डीडीसीए के कार्यकारी ने इस बात की पुष्टि की और कहा कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का भी दोबारा गठन किया जाएगा। अधिकारी ने बताया, ‘हां, शर्मा ने अपना इस्तीफा दे दिया है और इसे लोकपाल द्वारा मंजूर कर लिया गया है। सीईओ ने भी इस्तीफा दे दिया है। सीएसी का भी दोबारा गठन किया जाएगा। उपाध्यक्ष इस समय कार्यभार संभालेंगे।’
इस्तीफा के बाद क्या बोले रजत शर्मा
शर्मा ने कहा, ‘मैंने आज सुबह उन्हें लिखा था और मुझे जिम्मेदारियों से मुक्त करने का आग्रह किया था।’ अहमद को भेजे गए अपने पत्र में शर्मा ने लिखा है कि वह ऐसे संगठन में नहीं बने रह सकते हैं जहां ‘अराजकता’ की स्थिति हो। उन्होंने लिखा, ‘मैंने 16 नवंबर को डीडीसीए अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसका कारण मैंने अपने पत्र में बताए हैं। मैं हालांकि लोकपाल के निर्देशों का सम्मान करते हुए पद पर बना रहा और जिसे बाद में उच्च न्यायालय ने भी दोहराया। हालांकि डीडीसीए में स्थिति पूरी तरह से अराजक है और ऐसे में मेरे लिये अध्यक्ष पद पर बने रहना असंभव है।’
अधिकारी से जब बीसीसीआई की आने वाली एजीएम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हमें इस पर बैठकर फैसला लेना होगा क्योंकि पहले शर्मा बीसीसीआई में डीडीसीए के प्रतिनिधि थे।’ शर्मा ने पिछले साल जुलाई में डीडीसीए का कार्यभार संभाला था।
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