पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी तनातनी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। शुक्रवार को ममता पर निशाना साधते हुए धनखड़ ने कहा कि वह हर मौके पर उनका कर रही हैं और उन्हें नियमित रूप से सरकारी फैसलों की जानकारी नहीं दी जा रही। धनखड़ ने कहा कि इससे उनका ही कद छोटा होगा। उन्होंने कहा कि मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं और उन्हें आत्ममंथन कर आगे का रास्ता तलाशना चाहिए।
राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष बीमान बोस पर आरोप लगाया कि उन्होंने 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर आयोजित विशेष सत्र के दौरान अन्य गणमान्य व्यक्तियों के बाद संबोधन के लिए उन्हें बुलाकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया। धनखड़ ने कहा, ‘क्या आपने भारत के किसी राज्य में कभी देखा है कि राज्यपाल को संबोधन के लिए पांचवें नंबर पर बुलाया जाए। मुझसे पहले पूर्व राज्यपाल (एम के नारायणन), लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष (मीरा कुमार) और चुनाव आयोग के पूर्व आयुक्त (एस वाई कुरैशी) को बुलाया गया।’
‘प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन’
धनखड़ ने कहा, ‘यह प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है। इस अपमान से बहुत दुखी हूं। उस दिन के महत्व को ध्यान में रखते हुए मैं वहां पहुंचा…उनका आचरण काफी असंतोषजनक है।’ धनखड़ ने ममता बनर्जी पर हमले जारी रखते हुए कहा कि संवैधानिक प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री को सरकार के फैसलों के बारे में राज्यपाल को जानकारी देनी होती है, लेकिन बनर्जी ने एक बार भी ऐसा नहीं किया।
‘मुख्यमंत्री ही दें मेरे सवालों के जवाब’
राज्यपाल ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के तौर पर राज्यपाल को जानकारी देना उनका संवैधानिक कर्तव्य है।’ उन्होंने कहा, ‘बुलबुल चक्रवात के बाद मैंने उन्हें पत्र लिखकर जानकारी देने के लिये कहा। लेकिन सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह थी कि प्रधान गृह सचिव ने उन्हें इसके बारे में जानकारी दी। मैं इस तरह के आचरण पर आपत्ति जताता हूं। मुख्यमंत्री से मेरे संवाद का जवाब केवल उनके द्वारा ही दिया जाना चाहिए, किसी और के जरिए नहीं।’
Source: National