विस सचिवालय ने महाधिवक्त से मांगी लोधी की विधानसभा सदस्यता की स्थिति के संबंध में कानूनी सलाह

भोपाल, 29 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय ने भाजपा के प्रहलाद लोधी की विधानसभा में सदस्यता की स्थिति के बारे में प्रदेश के महाधिवक्ता से कानूनी राय मांगी है। मालूम हो कि निचली अदालत द्वारा एक मामले में लोधी को दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। हालांकि लोधी की अपील पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले पर 12 जनवरी तक स्थगन आदेश देने के साथ उनकी जमानत भी मंजूर कर ली थी। उच्च न्यायालय के स्थगन के बावजूद लोधी की विधानसभा सदस्यता को लेकर असमंजस बना हुआ है। इस मुद्दे पर मध्यप्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच टकराव बना हुआ है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 दिसंबर से शुरु होने वाला है। प्रदेश के महाधिवक्ता शशांक शेखर ने शुक्रवार को फोन पर पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘हां, लोधी की सदस्यता की स्थिति के बारे में विधानसभा सचिवालय ने कानूनी सलाह मांगी है। मैं जल्द ही अपनी सलाह भेजने वाला हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह विधानसभा सचिवालय से मांगे गये कुछ और दस्तावेजों का इंतजार कर रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने लोधी की सजा पर स्थगन दे दिया है इसलिये कानूनन वह हमारे साथ विधानसभा सत्र में शामिल होगें।’’ वहीं दूसरी ओर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि लोधी को सदन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी क्योंकि उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है। मालूम हो कि निचली अदालत द्वारा लोधी को दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा उन्हें दो नंवबर को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। लोधी की अपील पर उच्च न्यायालय ने 7 नवंबर को उनकी सजा के फैसले पर स्थगन आदेश दिया और साथ ही उनकी जमानत भी मंजूर कर ली।

Source: Madhyapradesh