चायकाल के बाद बेन स्टोक्स (26) और जैक क्रोले (1) भी पविलियन लौट गए। बर्न्स ने जीवनदान का पूरा फायदा उठाया। न्यू जीलैंड के फील्डरों ने 10 और 19 रन के स्कोर पर उनके कैच टपकाए जबकि 87 रन के स्कोर पर उन्हें रन आउट करने का मौका गंवा दिया। बर्न्स ने नील वैगनर की गेंद को फाइन लेग पर एक रन के लिए खेलकर शतक पूरा किया। वह हालांकि दो गेंद बाद रन आउट हो गए।
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रूट के कहने पर बर्न्स दूसरे रन के लिए दौड़ पड़े लेकिन पहले रन के दौरान धीमी गति का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और जीत रावल के थ्रो पर बीजे वॉटलिंग ने उन्हें रन आउट कर दिया। सपाट पिच पर गेंदबाजों को सफलता हासिल करने के लिए जूझना पड़ा।
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वैगनर ने बाउंसर ने बर्न्स को परेशान किया लेकिन बल्लेबाज को दबाव में नहीं डाल पाए। इंग्लैंड के कप्तान रूट की यह पारी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे थे जिससे यह सवाल उठने लगा था कि क्या कप्तानी के अतिरिक्त दबाव से उनकी फॉर्म प्रभावित हो रही है। फरवरी में वेस्ट इंडीज के खिलाफ शतक जड़ने के बाद से रूट कोई सेंचुरी नहीं लगा पाए थे।
Source: Sports