इंटरनैशनल क्रिकेट में अपनी वापसी की राह देख रहे को टीम इंडिया में लगातार दूसरी बार एंट्री तो मिल गई है। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि संजू को इस बार भी प्लेइंग इलेवन में जगह मिलेगी या नहीं। बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए संजू को भारतीय टीम में चुना गया था। लेकिन वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए और टीम मैनेजमेंट ने यहां तीनों मैचों में ऋषभ पंत पर ही भरोसा जताया।
इसके बाद वेस्ट इंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज का ऐलान हुआ तो संजू को एक बार फिर टीम से बाहर होना पड़ा था। हालांकि शिखर धवन के चोटिल होने के बाद केरल के इस बल्लेबाज उनकी जगह शामिल कर लिया गया। संजू के बचपन के कोच को उम्मीद है कि इस बार संजू को सीरीज के पहले मैच से ही प्लेइंग इलेवन में जरूर मौका मिलेगा। संजू ने अभी तक अपने इंटरनैशनल करियर में एकमात्र टी20 मैच साल 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला है।
बीजू जॉर्ज हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘मैं बहुत खुश हूं कि उन्होंने (संजू) अपनी पहचान बना ली है। अगर आप उनके करियर की शुरुआत से देखें, जब उन्होंने अंडर-19 से शुरुआत की थी, तब से वह थोड़े दुर्भाग्यशाली रहे हैं। लगातार अच्छा परफॉर्मेंस देने के बावजूद उन्हें चुना नहीं गया। लेकिन वह कभी रुके नहीं। समय के साथ-साथ रनों के प्रति उनकी भूख लगातार बढ़ती जा रही है। चाहे घरेलू क्रिकेट हो या फिर आईपीएल, वह हर जगह शानदार रहे हैं। वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं। वह नेट्स पर रोजाना घंटों तक बैटिंग करते हैं और अपनी विकेटकीपिंग पर भी काम करते हैं।
संजू के इस कोच ने कहा, ‘मैं उन्हें बचपन से अब तक बैटिंग करते हुए देख रहा हूं। मुझे अब वह परफेक्ट बल्लेबाज नजर आते हैं। वह सीखना कभी नहीं बंद करते। उन्हें अपनी काबिलियत को लेकर अहंकार भी नहीं है। यह उनका विश्वास और बेखौफ खेलने का ढंग है जिसकी बदौलत वह आगे आ रहे हैं।’
बीजू जॉर्ज कहते हैं, ‘चूंकि संजू को शिखर धवन की जगह टीम में जगह मिली है, तो ऐसे में उनसे ओपनिंग करने के लिए ही कहा जाना चाहिए। संजू का विश्वास और साहसिक खेलने का रवैया ही उनकी कामयाबी का राज है।’ बीजू संजू को साल 2007 से क्रिकेट को कोचिंग दे रहे है, जब वह सिर्फ 14 साल के थे।
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