गांगुली ने ‘द वीक’ से कहा, ‘मैं इसके बारे में बहुत उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि यह टेस्ट क्रिकेट को आगे बढ़ाने का एक तरीका है। हर टेस्ट नहीं, लेकिन हर सीरीज में में कम से कम एक टेस्ट मैच डे-नाइट फॉर्मेट में जरूर खेला जाए।’
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बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में गांगुली ने भारत को डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने के लिए प्रेरित किया। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि अधिकांश जगहों पर टेस्ट क्रिकेट की घटती दर्शक संख्या इससे बढ़ाई जा सकती है।
दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड ने भारत के पहले पिंक बॉल टेस्ट की काफी मार्केटिंग की थी। इसके लिए कोलकाता शहर भी ‘गुलाबी’ हो गया था जब प्रमुख स्थलों और इमारतों पर गुलाबी रंग से रोशनी की गई थी। इतना ही नहीं, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को भी कोलकाता आमंत्रित किया गया, मशहूर हस्तियों को बुलाया गया और सम्मानित किया गया।
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गांगुली ने कहा कि कोलकाता में दर्शकों की संख्या से उत्साहित अन्य स्थल भी अब डे-नाइट टेस्ट की मेजबानी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने अनुभवों को बोर्ड के साथ शेयर करूंगा और इसे अन्य जगहों पर लागू करने की कोशिश करेंगे।’
2003 वर्ल्ड कप की फाइनलिस्ट भारतीय टीम के कप्तान रहे गांगुली ने कहा, ‘ईडन टेस्ट के बाद हर टेस्ट स्थल डे-नाइट मैच के आयोजन को तैयार है। कोई भी केवल 5000 लोगों के सामने टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहता है।’
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी इसका स्वागत किया लेकिन साथ ही कहा था कि यह कम ही होने चाहिए। उन्होंने ईडन टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा था, ‘मुझे लगता है कि (डे-नाइट टेस्ट) नियमित तौर पर नहीं होने चाहिएं।’
Source: Sports