राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सीमा वार्ता के लिए चीन के विदेश मंत्री इस महीने भारत की यात्रा पर आएंगे। यह जानकारी कूटनीतिक सूत्रों ने बुधवार को दी। डोभाल और वांग सीमा वार्ता के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं। डोभाल के साथ सीमा वार्ता करने के अलावा वह विदेश मंत्री के साथ व्यापक वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच गत अक्टूबर तक मामल्लापुरम में अनौपचारिक शिखर बैठक के बाद चीन के किसी वरिष्ठ नेता की पहली भारत यात्रा होगी।
वांग की यात्रा के दौरान उम्मीद है कि दोनों पक्ष शिखर बैठक के दौरान किए गए निर्णयों के क्रियान्वयन की समीक्षा करेंगे। एक सूत्र ने कहा, ‘चीन के विदेश मंत्री इस महीने भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।’ वांग विशेष प्रतिनिधि वार्ता के लिए गत सितंबर में भारत की यात्रा पर आने वाले थे लेकिन यात्रा तब टल गई थी। दोनों पक्षों के बीच विशेष प्रतिनिधि वार्ता रूपरेखा के तहत 20 से अधिक दौर की वार्ता पहले ही हो चुकी हैं।
विशेष प्रतिनिधि वार्ता की शुरुआत सीमा विवाद का जल्द हल निकालने के लिए की गई थी। भारत, चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा शामिल है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, भारत इसे खारिज करता है। दोनों पक्ष इस पर जोर दे रहे हैं कि सीमा मुद्दे का अंतिम हल होने तक सीमा क्षेत्रों में शांति बनाये रखना जरूरी है। मोदी और शी के बीच दूसरी अनौपचारिक वार्ता का मुख्य जोर भारत-चीन संबंधों को और व्यापक बनाना था। दोनों नेताओं के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक गत वर्ष अप्रैल में चीन के वुहान शहर में हुई थी। उक्त बैठक डोकलाम में भारत और चीन की सेनाओं के 73 दिन तक आमने सामने डटे रहने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आने के कुछ महीने बाद हुई थी।
Source: National