बता दें कि 1 से 10 दिसंबर तक साउथ एशियन गेम्स का आयोजन किया जा रहा है। गीता के पिता जितेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी बेटी का यह पहला इंटरनैशनल मेडल है, इससे पहले वह 2018 में ताइवान में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुकी है।
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वहीं, अब 2020 में ओलिंपिक और वर्ल्ड गेम्स आयोजित होने हैं, जिनमें भाग लेने के लिए गीता ट्रायल में अपनी भागीदारी दिखाएंगी। 6 दिसंबर को गीता लौटेंगी। इसके बाद उनका स्वागत भी जोश के साथ किया जाएगा। दरअसल, गीता समेत उनकी अन्य 2 बहनें भी ताइक्वांडो खिलाड़ी हैं। इनमें से उनकी छोटी बहन रितु यादव 2019 में ही इंटरनैशनल लेवल पर ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं। पिता जितेंद्र भी खुद खिलाड़ी रह चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने अपनी तीनों बेटियों को भी खेलों में पारंगत बनाया।
गीता का फाइनल मुकाबला नेपाल की खिलाड़ी से हुआ था, जिसमें गीता ने एकतरफा मैच अपने नाम किया। सभी 8 बाउटों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। वह साल 2015 से ताइक्वांडो खेल रही हैं। इन 5 साल में उन्होंने नैशनल से इंटरनैशनल लेवल तक मेडल हासिल किए। 2015 में नैशनल चैंपियनशिप में सिल्वर, 2018 नैशनल ताइक्वांडो में गोल्ड, सीनियर नैशनल में 1 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। ऑल इंडिया साई प्रतियोगिता में भी एक गोल्ड और एक सिल्वर अपने नाम किया। 2017 में साउथ कोरिया में आयोजित वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में प्रतिभागिता की, साथ ही 2018 में ताइवान में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
Source: Sports