विश्व कप क्वॉलिफाइंग 2022 के अभियान की अच्छी शुरुआत करने के बाद भारत लय बरकरार नहीं रख पाया तथा बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी टीमों से ड्रॉ खेलकर तीसरे दौर में जगह नहीं बना पाया। भारतीय टीम हालांकि पांचों मैच में प्रतिस्पर्धी रही और उसने एशियाई चैंपियन कतर को भी ड्रॉ पर रोका लेकिन गोल करने में नाकाम उसे काफी महंगी पड़ी।
स्टिमक ने विश्व फुटबॉल संस्था फीफा की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘गोल करने में नाकामी अभी हमारी सबसे बड़ी समस्या है। हम अच्छी फुटबाल खेल रहे हैं और प्रयास कर रहे हैं लेकिन अंतिम क्षणों में चूक रहे हैं। हमें इसका समाधान ढूंढना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमें इसका समाधान ढूंढना होगा। पेनल्टी किक और अन्य तरीकों से। हमने टीम की खेल की शैली भी बदली है। अब हम लंबे पास कम दे रहे हैं और मैंने वास्तव में इस क्षेत्र में प्रगति देखी है। आंकड़े भी गवाह है कि गेंद पर नियंत्रण के मामले में सुधार हुआ है।’
भारत के पांच मैचों में तीन अंक हैं और वह अपने ग्रुप में चौथे स्थान पर है जिससे उसके 2022 विश्व कप के लिए क्वॉलिफाइ करने की संभावना भी समाप्त हो गई है। क्रोएशिया की 1998 में विश्व कप में तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम के सदस्य रहे स्टिमक ने कहा, ‘मैं केवल बेहतर परिणाम की अपेक्षा रखता हूं। हम शुरू से ही इस ग्रुप में ‘अंडरडॉग’ थे।’
स्टिमक ने कहा कि छह महीने पहले पद संभालने के बाद उन्होंने भारतीय टीम के कोच के रूप में प्रत्येक क्षण का लुत्फ उठाया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अब तक हर पल का लुत्फ उठाया है। इतने बड़े और महान देश की राष्ट्रीय टीम की अगुआई करना सम्मान है। यहां जुनून है। लोग भले ही भारत को फुटबॉल प्रेमी देश नहीं मानते लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस क्षेत्र में गए हैं। कुछ क्षेत्रों में क्रिकेट का दबदबा है लेकिन अन्य क्षेत्रों में लोगों के लिए फुटबॉल महत्वपूर्ण है जैसा कि मेरे लिए क्रोएशिया में था।’
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