स्वास्थ मंत्री और कृषि मंत्री ने प्रदेश के प्रथम सिकल सेल संस्थान परिसर का किया लोकार्पण

रायपुर,स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चन्द्राकर और कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज राजधानी रायपुर के फारेस्ट ब्लाक, जेल रोड में प्र्रदेश के प्रथम सिकल सेल संस्थान परिसर का लोकार्पण किया। संस्थान परिसर में 30 बिस्तर के नये सिकलसेल अस्पताल भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन भी किया गया। नये सिकलसेल संस्थान परिसर का क्षेत्रफल 6160 वर्गमीटर है, जिसमें 4 करोड़ 39 लाख रुपये की लागत से सिकलसेल अस्पताल भवन का निर्माण किया जाएगा। इस मौके पर मंत्रियों ने सिकलसेल रोग से संबंधित पोस्टर और पॅम्फलेट का विमोचन किया। स्वास्थ मंत्री श्री चन्द्राकर ने लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार क्षेत्रीय स्तर पर स्थानीय बीमारियों का चिन्हांकन कर सिकलसेल रोग के नियंत्रण के लिए सिकलसेल संस्थान की स्थापना की है। सिसकसेल संस्थान के खुल जाने से प्रदेश में जो स्वास्थ्यगत गेप था वह पूरा होगा। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की प्राथमिक जांच से पता चला है कि प्रदेश की लगभग 10 प्रतिशत आबादी मंे सिकल सेल के गुण पाए गए है। राज्य के कुछ विशेष जातियों में यह बीमारी लगभग 30 प्रतिशत तक देखा गया है। ऐसी स्थिति में सिकलसेल संस्थान इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और शत-प्रतिशत नियंत्रण के कारगार साबित होगा। श्री चन्द्राकर ने इस सिकल सेल संस्थान को सिकलसेल और रक्त संबंधी शोध संस्थान के रूप में विकसित करने पर बल दिया।

कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को बीमारियों से निजात दिलाने के दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश में 10 प्रतिशत से अधिक आबादी को इस बीमारी से बचाने और इसके निर्मूलन के लिए राजधानी में सिकलसेल संस्थान सहित सभी 27 जिलों में जांच एवं परामर्श केन्द्र की स्थापना इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यहां का सामाजिक परिवेश, प्रथा और परंपरा भिन्न है, उसके बावजूद लोगों को सिकलसेल रोग के प्रति जागरूक कर इस बीमारी को समाप्त किया जा सकता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार की लोगों के प्रति संवेदनशीलता का परिणाम है कि राज्य के सभी परिवारों के लिए स्मार्ट कार्ड के माध्यम से 50 हजार रूपए तक निःशुल्क इलाज प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। जिसके तहत गरीब परिवार के कोई व्यक्ति प्रति वर्ष पांच लाख रूपए तक का निःशुल्क इजाल करा सकते है।


स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिक बारिक सिंह ने बताया कि सिकलसेल संस्थान एक स्वशासी संस्था है जिसकी स्थापना राज्य शासन द्वारा जुलाई 2013 में रायपुर में की गई थी। संस्थान का प्रमुख उद्देश्य लोगों में सिकल सेल रोग के प्रति जागरूकता लाना है। सिकल सेल रोगियों की पहचान कर मरीज को निःशुल्क इलाज के लिए नवीनतम तथा आधुनिक चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। सिकल सेल संस्थान राज्य का ऐसा अस्पताल है, जहां किसी भी प्रकार का कैश काउंटर नहीं है। संस्थान में सिकल सेल रोगियों की सभी प्रकार की जाँच एवं उपचार निःशुल्क है तथा दवाएं भी निःशुल्क प्रदान की जाती है। सिकल सेल रोगियों को नजदीक में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए जिला रायगढ़, बिलासपुर और जगदलपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेजों में सिकल सेल क्लिनिक एवं परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है।
कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डॉ. ए.टी.के.दाबके, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव श्री सुनील जैन संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. ए.के. चन्द्राकर, छत्तीसगढ मेडिकल कार्पोरेशन कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री व्ही. रामाराव, संचालक महामाहरी डॉ. आर.आर. साहनी, संचालक आयुष श्री जी.एस. बदेशा, पण्डित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. आभा सिंह, सिकलसेल संस्थान के महानिदेशक डॉ. अरविन्द नेरलकर सहित चिकित्सा छात्र-छात्राएं और मरीज उपस्थित थे।