रायपुर, शहरों में उपभोक्ताओं को एक ही जगह पर उनकी विभिन्न जरूरतों की चीजें उपलब्ध कराने के लिए खुले मॉल की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के रायपुर और महासमुंद में एग्रीमॉल खोले जाएंगे। रायपुर के पण्डरी में मेला ग्राउण्ड एवं कन्वेंशन सेंटर बनाए जाएंगे। रायगढ़, बिलासपुर, राजनांदगांव और दुर्ग के फल-सब्जी मंडी परिसरों में कोल्ड स्टोरेज एवं रायपनिंग चेम्बर की स्थापना की जाएगी। कृषि मंत्री तथा छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड के अध्यक्ष श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित बोर्ड के संचालक मंडल की 50वीं बैठक में इन सभी कार्यों के लिए बोर्ड द्वारा स्वीकृत 148 करोड़ रूपए का अनुमोदन किया गया। बैठक में बोर्ड के सदस्य एवं विधायक श्री शिवरतन शर्मा, अपर मुख्य सचिव कृषि एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री सुनील कुजूर, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड श्री अभिजीत सिंह, संचालक उद्यानिकी श्री नरेन्द्र पाण्डेय, संचालक कृषि श्री एम.एस. केरकेट्टा, मंडी बोर्ड के अतिरिक्त प्रबंध संचालक श्री महेन्द्र सिंह सवन्नी एवं अपर संचालक श्री कुम्भज सहित मंडी बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मंडी बोर्ड द्वारा प्रदेश के 37 मंडी और उप मंडी प्रांगणों में 58 गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। अटल नगर (नया रायपुर) में 41 करोड़ रूपए की लागत से मंडी बोर्ड मुख्यालय भवन बनाने के लिए निविदा स्वीकृत कर दी गई है। राजधानी रायपुर के पंडरी में कृषि उपज मंडी की 25 एकड़ जमीन पर मेला ग्राउण्ड विकसित किया जाएगा। यहीं पर कन्वेंशन सेंटर और किसान भवन भी बनाया जाना है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 158 हाट बाजार विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से 30 हाट बाजार पूर्ण हो चुके हैं। 37 हाट बाजारों का काम प्रगति पर है। दस हाट बाजारों के अनुबंध तथा 45 हाट बाजार हाट बाजारों की निविदा की कार्रवाई चल रही है। सभी 158 हाट बाजारों के लिए 87 करोड़ 15 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश के आठ प्रमुख मंडी परिसरों में किसान उपभोक्ता बाजार विकसित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। इनमें से धमतरी की कृषि उपज मंडी परिसर (श्यामतराई) में किसान उपभोक्ता बाजार शुरू हो गया है। नये मंडी प्रांगण रायपुर और पुराने मंडी प्रांगण रायपुर में किसान उपभोक्ता बाजार का कार्य पूरा हो गया है। बेमेतरा, बिलासपुर, बरमकेला, चिखली (रायगढ़) और बसंतपुर (राजनांदगांव) में किसान उपभोक्ता बाजार विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है।