हैदराबाद से लेकर उन्नाव तक बेटियों के साथ गैंगरेप और जलाने की दर्दनाक घटनाओं के खिलाफ गुस्सा अब दिल्ली तक आ पहुंचा है। शनिवार को दिल्ली के राजघाट से लेकर इंडिया गेट तक लोगों ने कैंडल मार्च का आयोजन किया है। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई और दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालीवाल समेत कई संगठन इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कई जगहों पर पानी की बौछार भी की। पुलिस कार्रवाई के विरोध में कई लोग पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए भी दिखे।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एम.एस रंधावा ने कहा कि आंदोलनकारी पुलिस पर मशाल फेंकने की कोशिश रहे थे। इस पर हमें पानी की बौछार का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों को अरुण जेटली स्टेडियम तक आने की अनुमति नहीं हैं। हम लोगों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे आंदोलन के लिए तय स्थान पर ही प्रदर्शन करें।
शुक्रवार को देर रात उन्नाव रेप पीड़िता की मौत हो गई थी, जिसे जमानत पर छूटे आरोपियों ने ही जिंदा जलाने की कोशिश की थी। पीड़िता की मौत के बाद से ही लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सवालों के घेरे में है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना के विरोध में विधानसभा के बाहर धरना दिया। वहीं बीएसपी चीफ मायावती ने गवर्नर आनंदी बेन पटेल से मुलाकात कर महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाए जाने की मांग की।
यही नहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी उन्नाव पहुंचकर पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया। उन्नाव मामले पर घिरी योगी सरकार ने इस बीच पीड़िता के परिजनों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे और घर देने का ऐलान किया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने का एक बड़े वर्ग ने स्वागत किया था और खुशी जताई थी। हालांकि यह खुशी रात को उस वक्त फीकी हो गई, जब पीड़िता की मौत हो गई।
Source: National