नागरिकता संशोधन विधेयक को 7 घंटे से अधिक समय तक चर्चा के बाद सोमवार रात लोकसभा से मंजूरी मिल गई। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। विधेयक के पक्ष में 311 मत और विरोध में 80 मत पड़े। विपक्ष के कुछ संशोधनों पर मत विभाजन भी हुआ और उन्हें सदन ने अस्वीकृत कर दिया।
नागरिकता संशोधन विधेयक सरकार ने लोकसभा में आसानी से पास करा लिया, लेकिन अब राज्यसभा में सरकार की असली परीक्षा है। एनडीए के 106 सांसदों के साथ बिल के समर्थन में आनेवाले अन्य 28 सांसदों और 3 नामित सांसदों को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 137 तक पहुंच जाता है। उधर, यूपीए के 62 और विरोध में वोटिंग करने वाली नौ पार्टियों के 44 सांसदों को मिलाकर 106 का आंकड़ा आता है।
Source: National