रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में सत्य और अहिंसा की उपयोगिता को साबित कर दिखाया। इतना ही नहीं, बल्कि उन्होंने छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ भी जनजागरण का अभियान चलाया। उन्होंने ग्रामीण स्वावलम्बन के साथ-साथ लोगों को स्वराज से सुराज की राह पर चलने की प्रेरणा दी और देशवासियों के बीच स्वच्छता के लिए भी वातावरण बनाया।
मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के कंकाली पारा स्थित आनंद समाज वाचनालय परिसर में महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर गांधीजी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रदेश में दो वर्ष तक चलने वाले कार्यक्रमों के लिए ‘कार्यांजलि’ कार्ययोजना का भी शुभारंभ करते हुए इस कार्ययोजना की पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सुप्रसिद्ध गांधीवादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, साहित्यकार और रायपुर के पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री केयूर भूषण के नाम पर निर्मित परिसर (केयूर भूषण स्मृति परिसर) और गांधी भवन का भी लोकार्पण किया। पूरे भारत में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने भी आखिरी गांव तक स्वच्छता का लक्ष्य तय किया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को जब इस मिशन की शुरूआत की गई। उस समय छत्तीसगढ़ में सिर्फ 20 ग्राम पंचायतों के 40 गांव खुले में शौचमुक्त थे, जबकि विगत चार वर्ष में राज्य में दस हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें इस मिशन के तहत खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित हो चुकी हैं। प्रदेश के सभी नगरीय निकाय भी ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। उन्होंने इसके लिए प्रदेशवासियों को और मिशन से जुड़े पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय प्रशासन विभाग को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा-महात्मा गांधी के जीवन-दर्शन के अनुरूप छत्तीसगढ़ की पंचायतों में होने वाली ग्राम सभाओं में पहली चर्चा स्वच्छता को लेकर होती है। डॉ. सिंह ने आज के समारोह में राज्य के वयोवृद्ध समाजसेवी प्रोफेसर (डॉ.) प्रभुदत्त खेड़ा को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दिए गए पांच लाख रूपए के प्रथम महात्मा गांधी राष्ट्रीय सम्मान का जिक्र करते हुए कहा-प्रो. खेड़ा ने प्रदेश के बिलासपुर संभाग के अचानकमार जैसे दूरस्थ इलाके में लमनी-छपरवा के जंगल में अपना पूरा जीवन आदिवासी बच्चों की शिक्षा और उनकी सेहत के लिए समर्पित कर दिया। वे उस क्षेत्र के ग्रामीणों में ‘दिल्ली वाले बाबा’ के नाम से लोकप्रिय हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री केयूर भूषण को याद करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का भी उल्लेख किया। डॉ. सिंह ने कहा-मुझे महात्मा गांधी को प्रत्यक्ष देखने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन केयूर भूषण जी से मिलकर मैंने उनके व्यक्तित्व और विचारों में गांधीजी के जीवन दर्शन की झलक देखी। मुख्यमंत्री ने कहा-केयूर भूषण जी मुझे अक्सर यह कहते थे कि नक्सल हिंसा का जवाब भी गांधीवादी तरीके से दिया जा सकता है और वे इसके लिए नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जैसे इलाकों में भी जाना चाहते थे।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता आंदोलन में स्वर्गीय श्री केयूर भूषण के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उन पर गांधीजी के विचारों का गहरा प्रभाव था। मुख्यमंत्री ने आज के समारोह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की वर्ष 1920-21 की छत्तीसगढ़ यात्रा का भी जिक्र किया। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर छत्तीसगढ़ में पंचायतराज संस्थाओं को सुदृढ़ बनाया गया है। पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों के लिए स्वयं के घरों में पक्के शौचालय होने का अनिवार्य प्रावधान किया गया है। श्री चन्द्राकर ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूरे देश को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2019 तक खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित करने का लक्ष्य है, जबकि छत्तीसगढ़ ने शत्-प्रतिशत स्वच्छता के लक्ष्य को समय से एक वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है और ऐसा करने वाला यह भारत का पहला राज्य बन गया है। रायपुर के लोकसभा सांसद श्री रमेश बैस ने समारेाह को संबोधित किया। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, विधायक श्री श्रीचंद सुंदरानी, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे, सभापति श्री प्रफुल्ल विश्वकर्मा, राज्य सरकार के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।