संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि महासचिव भारत के नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि यह घरेलू विधायी प्रक्रिया है जो अभी जारी है। हालांकि, उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि सभी सरकारें भेदभाव रहित कानूनों पर चलें।
उल्लेखनीय है कि भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा ने पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक ( कैब) पारित कर दिया है। गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने यहां नियमित संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा, ‘जहां तक मुझे जानकारी है, यह विधेयक विधायी प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसलिए हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।’
हक उन सवालों का जवाब दे रहे थे कि क्या संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लोकसभा में पारित होने पर कोई टिप्पणी की है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि यह विधेयक कुछ पड़ोसी देशों से धार्मिक अल्पसंख्यकों के तौर पर सताए जाने के बाद वहां से भागकर आए भारत में पहले से मौजूद लोगों को भारतीय नागरिकता देता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘इसमें उनकी मौजूदा दिक्कतों को हल करने तथा उनके मौलिक मानवाधिकारों को पूरा करने का प्रावधान है। जो लोग धार्मिक आजादी की ओर वास्तव में प्रतिबद्ध हैं, उन्हें ऐसी पहल का स्वागत करना चाहिए न कि आलोचना।’
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