पाकिस्तान में 10 साल तक की उम्र के 75 फीसदी बच्चे ‘लर्निंग पॉवर्टी’ के शिकार हैं। इसका अर्थ यह है कि यह बच्चे एक पैरा भी न ठीक से पढ़ सकते हैं, न लिख सकते हैं और न ही समझ सकते हैं। पाकिस्तानी शिक्षा की दुर्दशा का यह खुलासा विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में किया गया है। इस्लामाबाद स्थित कायदे आजम यूनिवर्सिटी में लड़कियों की शिक्षा और उन्हें सशक्त बनाने से संबंधित एक कार्यक्रम में विश्व बैंक डॉयरेक्टर (शिक्षा) जेमे सावेद्रा ने यह रिपोर्ट जारी की।
इसमें बताया गया कि पाकिस्तान में 10 साल तक के 75 फीसदी बच्चे न ठीक से पढ़ सकते हैं और न लिख सकते हैं और न ही किसी लिखे हुई बात को ठीक से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में 10 साल तक के 58 फीसदी बच्चे लर्निंग पॉवर्टी के शिकार हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में 27.3 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल का मुंह नहीं देखा है। इनमें 55 फीसदी यानी करीब दो करोड़ 25 लाख लड़कियां शामिल हैं।
कार्यक्रम में मौजूद पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने कहा कि लर्निंग पॉवर्टी उनके लिए भी एक नया शब्द है लेकिन उन्होंने माना कि यह ध्यान दिए जाने वाली बात है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश बच्चों को स्कूल तक लाने की तो होती है, लेकिन उन्हें वहां कैसी शिक्षा दी जा रही है, इस पर ध्यान कम जाता है। यह जानना बहुत अहम बात है कि मुल्क भर में 10 साल तक के बच्चों का शैक्षणिक स्तर कैसा है।
Source: International