दिल्ली के रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री ने पर उनकी सरकार में चर्चा न होने की बात कही थी तो गृह मंत्री के विडियो सामने आ गए, जिसमें वह एनआरसी की बात करते दिखते हैं। ऐसे में समाचार एजेंसी ANI ने आज जब गृह मंत्री अमित शाह का साक्षात्कार लिया तो यह सवाल भी पूछ लिया। सवाल किया गया कि एनआरसी पर आपके पिछले कई भाषण हैं, जिसमें आपने कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू होगा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से ऐसा लगा कि आपकी पार्टी इस पर फिर से विचार कर सकती है। पार्टी के मैनिफेस्टो में है पर शायद आप लागू नहीं करेंगे। शाह ने इस सवाल पर सफाई देते हुए कहा कि इस पर अभी चर्चा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि NRC कहीं विचार में नहीं है।
पीएम मोदी ने क्या कहा था
रामलीला मैदान पर बीते रविवार को आयोजित रैली में पीएम ने साफ कहा था कि एनआरसी पर कुछ भी नहीं हुआ है, बस झूठ चलाया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार आने के बाद 2014 से लेकर आज तक कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई, कोई बहस नहीं हुई।
शाह के पुराने विडियो में क्या है
पीएम के इस बयान के बाद गृह मंत्री शाह के पुराने विडियो सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर सामने आ गए। एक विडियो में शाह कहते हैं, ‘आप क्रोनोलॉजी समझ लीजिए। पहले CAB (अब CAA) आने जा रहा है, CAB आने के बाद एनआरसी आएगा और यह सिर्फ बंगाल के लिए नहीं आएगा, पूरे देश के लिए आएगा।’ शाह के ये विडियो अप्रैल, मई 2019 के बताए जा रहे हैं।
अब गृह मंत्री शाह ने क्या कहा
मंगलवार को इंटरव्यू में गृह मंत्री ने एनआरसी को लेकर दिए गए पुराने बयानों और प्रधानमंत्री मोदी के हालिया बयान को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सही कहा है। उन्होंने कहा, ‘पूरे देश में एनआरसी को लागू करना अभी विचार में भी नहीं है इसलिए इस पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं है। पीएम मोदी ने ठीक कहा है कि पूरे देश में एनआरसी लागू करने के मुद्दे पर न तो कैबिनेट में चर्चा हुई है और न ही संसद में पेश किए नागरिकता संशोधन बिल में ही इसका जिक्र है।’
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बीजेपी के घोषणापत्र में एनआरसी के जिक्र होने का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र अपनी जगह पर है। उन्होंने कहा कि एनआरसी छिप-छिपकर लागू नहीं किया जा सकता। शाह ने को लेकर भ्रम दूर करते हुए कहा कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं है। 31 जुलाई, 2019 को इसका नोटिफिकेशन आ गया था। तब आया ही नहीं था।
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एनपीआर को समझिए
गौरतलब है कि नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (NPR) हर 10 साल में होने वाली जनगणना का ही नया रूप है। इसके तहत 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का मुख्य लक्ष्य है। इसमें व्यक्ति का नाम, पता, शिक्षा, पेशा जैसी सूचनाएं दर्ज होंगी। NPR में दर्ज जानकारी लोगों द्वारा खुद दी गई सूचना पर आधारित होगी और यह नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा।
Source: National