उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जुलाई, 2018 में इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। आरोप है कि यमुना एक्सप्रेस इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ गुप्ता ने अधिकारियों और कर्मचारियों को गठजोड़ बनाकर मथुरा के 7 गांवों में 19 कंपनियों की मदद से 85.49 करोड़ रुपये में जमीन की खरीद की थी। इसके बाद इस जमीन को अथॉरिटी को ऊंचे दामों पर बेचा गया, जिसके चलते 126 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इस जमीन खरीद घोटाले के आरोपी के तौर पर पुलिस ने पिछले दिनों ही बुलंदशहर से अजीत नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि अजीत अथॉरिटी के तत्कालीन ओएसडी का रिलेटिव है। इस मामले में अथॉरिटी के सीईओ रहे पीसी गुप्ता जेल में हैं। 15 दिसंबर को तत्कालीन एसीईओ सतीश कुमार को पुलिस ने अरेस्ट किया था। इस केस में कार्रवाई में ढील को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाया था।
Source: National