छत्तीसगढ़ के फैसले लखनऊ में होंगे-भाजपा

रायपुर। भाजपा प्रवक्ता एवं विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के फैसले दिल्ली में नहीं, लखनऊ में होंगे, यह मुनादी जनता कांग्रेस के मुखिया अजीत जोगी को पीटनी चाहिए। उनके चुनाव न लडऩे का फैसला लखनऊ में बैठी बसपा सुप्रीमो मायावती ने किया है। पहले जोगी के सारे फैसले दिल्ली दरबार में सोनिया दाई करती थीं। अब बहिनी माया कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के फैसले छत्तीसगढ़ में होंगे, का ढिढोरा पीटने वाले जोगी की कमान उत्तरप्रदेश पहुंच गई है। यह छत्तीसगढ़ की जनता के सेवक होने का ढोंग करने वाले जोगी का असली चेहरा है, जो उन्होंने विकास के पर्याय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने मैदान छोड़कर दिखा दिया है।
श्री शर्मा ने कहा कि जोगी ने केवल प्रचार पाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। वे ऐसा हर बार करते रहे हैं। कांग्रेस में रहे तो मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने डॉ. रमन को थोथी चुनौती देते रहे और हर बार पीठ दिखाते रहे। अब जनता कांग्रेस बनाकर बसपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बनने का हसीन सपना देख रहे जोगी ने समूचे छत्तीसगढ़ का स्वाभिमान मायावती के समक्ष गिरवी रख दिया है। छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा झूठ जोगी हैं, यह उन्होंने साबित कर दिया है। दर असल जोगी जनता की नब्ज टटोलकर यह समझ चुके हैं कि वे पूरे छत्तीसगढ़ में ठुकराये जा चुके हैं और कहीं से भी जीतने की हैसियत में नहीं हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि जोगी का यह कैसा मायाजाल है? बेटा जनता कांग्रेस का शहजादा बहू बसपा की राजकुमारी, पत्नी को कांग्रेस टिकट की आस और मैदान छोड़कर जोगी घूम रहे बदहवास। ये सारे जोगी चरित्र हैं। इक दिल के कई अरमान हैं, दिखावे का घमासान है। जोगी के दिल का एक दरवाजा दस जनपथ की ओर खुलता है तो एक दरवाजा मायावती के घर की तरफ। एक दरवाजा सीपीआई के लिए खुला है। एक दरवाजा जनता कांग्रेस नाम की राजनीतिक दुकान की तरफ जाता है तो एक दरवाजे पर जोगी खुद खड़े सोच रहे हैं कि जायें तो जायें कहां? ऐसे हालात साफ संकेत दे रहे हैं कि इस चुनाव के बाद यह सियासी मुसाफिर खाना उजडऩे वाला है। या तो जोगी कांग्रेस में लौट जायेंगे या बसपा के सिपहसालार बन जायेेंगे।